मानव कंकाल तंत्र क्या है: संरचना, कार्य, और बीमारियां || What is Human Skeletal System : Structure, Function, and Diseases

मानव कंकाल तंत्र (Skeletal System)

मानव कंकाल तंत्र शरीर की आंतरिक संरचना को बनाए रखने वाला ढांचा है, जो हड्डियों, उपास्थियों (cartilage), जोड़ (joints) और स्नायुबंधन (ligaments) से मिलकर बना होता है। यह शरीर को आकार, सहारा और सुरक्षा प्रदान करता है।


1. मानव कंकाल तंत्र की संरचना

मानव शरीर में 206 हड्डियां होती हैं, जिन्हें दो भागों में विभाजित किया जाता है:

(क) अक्षीय कंकाल (Axial Skeleton) – 80 हड्डियां

यह शरीर के मध्य भाग में स्थित होता है और इसमें शामिल हैं:

  1. खोपड़ी (Skull) – 22 हड्डियां: मस्तिष्क और चेहरे की रक्षा करती हैं।
  2. रीढ़ की हड्डी (Vertebral Column) – 33 कशेरुकाएं (vertebrae): शरीर को सहारा देती है और मेरुदंड (spinal cord) की रक्षा करती है।
  3. पसली और उरोस्थि (Ribs and Sternum) – 25 हड्डियां: हृदय और फेफड़ों की सुरक्षा करती हैं।

(ख) उपांगी कंकाल (Appendicular Skeleton) – 126 हड्डियां

यह शरीर के ऊपरी और निचले अंगों से संबंधित होता है:

  1. ऊपरी अंग (Upper Limb) – 64 हड्डियां:
    • कंधे की हड्डियां (Shoulder girdle) – 4 हड्डियां (क्लैविकल और स्कैपुला)
    • हाथ की हड्डियां – 60 हड्डियां (ह्यूमरस, रेडियस, अल्ना, कार्पल, मेटाकार्पल, और फेलेन्जेस)
  2. निचले अंग (Lower Limb) – 62 हड्डियां:
    • कूल्हे की हड्डियां (Pelvic girdle) – 2 हड्डियां (इलियम, इस्कियम, प्यूबिस)
    • पैर की हड्डियां – 60 हड्डियां (फीमर, टिबिया, फाइबुला, टार्सल, मेटाटार्सल, फेलेन्जेस)

2. मानव कंकाल तंत्र के कार्य

  1. संरचनात्मक सहारा (Support) – शरीर को आकार और स्थिरता प्रदान करता है।
  2. अंगों की सुरक्षा (Protection) – मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े और अन्य महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा करता है।
  3. गतिशीलता और गति (Movement) – पेशियों (muscles) के साथ मिलकर शरीर को हिलाने में मदद करता है।
  4. रक्त निर्माण (Hematopoiesis) – अस्थि मज्जा (bone marrow) में लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है।
  5. खनिज भंडारण (Mineral Storage) – कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे खनिजों को संग्रहित करता है।
  6. अंतःस्रावी कार्य (Endocrine Regulation) – अस्थियों से कुछ हार्मोन स्रावित होते हैं जो शरीर के चयापचय (metabolism) को नियंत्रित करते हैं।

3. मानव कंकाल तंत्र की बीमारियां

(क) हड्डियों से जुड़ी बीमारियां

  1. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) – हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है, जिससे वे भंगुर हो जाती हैं।
  2. रिकेट्स (Rickets) – विटामिन D की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं (बच्चों में अधिक देखने को मिलता है)।
  3. ऑस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) – वयस्कों में हड्डियों का मुलायम पड़ जाना।
  4. अर्थराइटिस (Arthritis) – जोड़ों में सूजन और दर्द (गठिया)।
  5. स्लिप डिस्क (Slip Disc) – रीढ़ की हड्डी की डिस्क बाहर निकल आती है, जिससे दर्द और सुन्नता हो सकती है।
  6. फ्रैक्चर (Fracture) – हड्डियों का टूटना।

(ख) जोड़ (Joints) से जुड़ी समस्याएं

  1. गठिया (Rheumatoid Arthritis) – एक ऑटोइम्यून बीमारी, जिसमें जोड़ों में सूजन और विकृति आ जाती है।
  2. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) – उम्र के साथ जोड़ों के घिसने से होने वाली समस्या।
  3. गाउट (Gout) – यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में सूजन और दर्द होता है।

मानव कंकाल प्रणाली पर महत्वपूर्ण बिंदु

  • मानव भ्रूण में हदय स्पंदन विकास के चौथे पॉचवें सप्ताह में प्रारम्भ होता है।
  • मनुष्य की खोपडी में 29 अस्थियाँ होती है।
  • प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण कशेरूक रज्जु में स्थित होता है।
  • नाखून काटते समय दर्द नहीं होता, क्योकि नाखून मृत कोशिकाओं के द्रव्य द्वारा बने होते है, जिनमें रक्त संचरण नहीं होता है।
  • हमारे शरीर का सबसे दृढ़ भाग दन्तवलक है।
  • शल्यक्रिया में ऑर्थोप्लास्टी का कार्य जोड़ का प्रतिस्थापन करना होता है।
  • मानव शरीर में सबसे छोटी हड्डी कान की होती है जिसे स्टेपीज कहा जाता है।
  • मानव शरीर की सबसे लम्बी अस्थि फीमर होती है।
  • कशेरूक रज्जु में 31 जोड़ी तंत्रिकाएँ पाये जाते है।
  • मनुष्य के शरीर में पसलियों के 12 जोड़े पाये जाते है।
  • मानव शरीर के डिम्बवाहिनी नली में शुक्राणु डिम्ब को निषेचित करता है।
  • वयस्क मानव के शरीर में जल 65% पाया जाता है।
  • अस्थि एवं दंत निर्माण हेतु कैल्शिम और फॉस्फोरस की आवयक होती है।
  • मानव शरीर की सबसे मजबूत पेशियाँ जबड़ों की होती है।
  • परिवर्द्धंनशील भ्रूण की शुष्कन से उल्व रक्षा करता है।
  • मानव के जीवनकाल में 20 दाँत दो बार विकसित होते है।
  • मानव शरीर की सबसे बड़ी गुहा कोलम या स्पलैंक्निक गुहा होता है।
  • त्वचा पर चोट लगने के बाद इसका पुनरूद्भवन घनाकार उपकला के द्वारा किया जाता है।
  • कण्डरा पेशी का अस्थि से जोड़ती है।
  • स्नायु अस्थि को अस्थि से जोड़ती है।
  • स्नायु एवं कण्डराएँ संयोजी उतक है।
  • स्तनियों की अस्थि, उपास्थि हैवर्सियन नलिकाओं के कारण भिन्न होती है।
  • अस्थि का मैट्रिक्स ओसीन प्रोटीन का बना होता है।
  • अस्थियों को कठोर बनाने वाले लवण मुख्यत कैल्शियम और मैग्नीशियम के फॉस्फेट का बना होता है।
  • लसीका में लाल रूधिराणु की अनुपस्थिति होती है।
  • किरेटिन प्रोटीन त्वचा,बाल,नाखून,सींग, तथा खुर के निर्माण में सहायक होते है।
  • अस्थियों में ओसीन प्रोटीन पाया जाता है।
  • अस्थियों में मुख्यत कैल्शियम तथा मैग्नीशियम फास्फेट अकार्बनिक पदार्थ पाये जाते है।
  • मज्जा गुहा का निर्माण ओस्टियोक्लास्ट कोशिकाएँ करती है।
  • अस्थियों का निर्माण संयोजी उतकों से होता है।
  • शिशुओ में कुल 300 अस्थियाँ पायी जाती है।
  • मानव शरीर के हाथ सबसे अधिक अस्थियों की संख्या पायी जाती है।
  • अचल संधि संन्धियों द्वारा हमारी खोपडी की अस्थियाँ परस्पर जुड़ी होती है।
  • मनुष्य के कंकाल में कब्जा संधि का एक उत्कृष्ट उदाहरण अल्ना एवं हाूमरस संधि मिलता हैै।

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