दिल्ली सल्तनत की स्थापत्य एवं साहित्य कला || Architecture and literature of Delhi Sultanate

दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate (1206-1526 ई.) के दौरान स्थापत्य कला और साहित्य कला में महत्वपूर्ण विकास हुआ। इस काल में विभिन्न शासकों ने वास्तुकला और साहित्य को संरक्षण दिया, जिससे इस्लामी और भारतीय परंपराओं का अनूठा समावेश देखने को मिला। दिल्ली सल्तनत की स्थापत्य एवं साहित्य कला || Architecture and literature of Delhi Sultanate

दिल्ली सल्तनत की स्थापत्य एवं साहित्य कला || Architecture and literature of Delhi Sultanate

1. स्थापत्य कला

दिल्ली सल्तनत की स्थापत्य कला में प्रमुख रूप से इस्लामी वास्तुकला के तत्वों का समावेश हुआ, जिसमें मेहराब, गुंबद, मीनारें, जालीदार खिड़कियाँ, और शिलालेखों का प्रयोग प्रमुख था।

(क) स्थापत्य कला की विशेषताएँ

  1. इस्लामी और भारतीय शैली का मिश्रण – इस काल की इमारतों में भारतीय कारीगरों ने इस्लामी डिजाइनों के साथ पारंपरिक हिंदू और जैन स्थापत्य शैलियों का मिश्रण किया।
  2. मेहराब और गुंबद का प्रयोग – इस काल में पहली बार बड़े पैमाने पर गुंबद और मेहराब का उपयोग हुआ।
  3. मीनारों और जालीदार खिड़कियों का प्रयोग – इनसे इमारतों में वायु संचार और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई।
  4. रेड सैंडस्टोन और संगमरमर का प्रयोग – निर्माण कार्य में इन पत्थरों का अधिक प्रयोग हुआ।

(ख) प्रमुख स्थापत्य कृतियाँ

(i) गुलाम वंश (1206-1290)

  • कुतुब मीनार (कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा आरंभ, इल्तुतमिश द्वारा पूर्ण)
  • कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद (दिल्ली में, हिंदू और जैन मंदिरों के अवशेषों पर बनी)
  • अलाइ दरवाजा (अलाउद्दीन खिलजी द्वारा निर्मित)

(ii) खिलजी वंश (1290-1320)

  • सिरी किला (अलाउद्दीन खिलजी द्वारा)
  • हौज खास टैंक और मदरसा (अलाउद्दीन खिलजी द्वारा)

(iii) तुगलक वंश (1320-1414)

  • तुगलकाबाद किला (गयासुद्दीन तुगलक द्वारा)
  • फिरोज शाह कोटला (फिरोज शाह तुगलक द्वारा)

(iv) सैयद और लोदी वंश (1414-1526)

  • लोदी गार्डन की मकबरियाँ
  • सिकंदर लोदी का मकबरा (लोदी शैली का उत्कृष्ट उदाहरण)

2. साहित्य कला

दिल्ली सल्तनत के समय संस्कृत, अरबी, फारसी, और हिंदी में साहित्य का विकास हुआ। इस काल में फारसी भाषा को विशेष प्रोत्साहन मिला।

(क) फारसी साहित्य

  • अमीर खुसरो – प्रसिद्ध फारसी कवि, गद्य और पद्य के रचनाकार, तथा संगीतकार। उन्होंने कई फारसी ग्रंथ लिखे और हिंदी भाषा के विकास में योगदान दिया।
  • मिन्हाज-उस-सिराज – ‘तबकात-ए-नासिरी’ (इतिहास ग्रंथ) के लेखक।
  • जियाउद्दीन बरनी – ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ और ‘फतवा-ए-जहांदारी’ के लेखक।

(ख) हिंदी और अन्य भाषाओं का विकास

  • इस काल में हिंदी (खड़ीबोली और अवधी) का विकास हुआ।
  • अमीर खुसरो ने हिंदी भाषा में ‘खड़ीबोली’ को बढ़ावा दिया और कई दोहे व गीत लिखे।
  • भक्ति आंदोलन के प्रभाव से कबीर, रैदास, और अन्य संतों की रचनाएँ लोकप्रिय हुईं।

(ग) संगीत और चित्रकला

  • अमीर खुसरो ने तबला और सितार जैसे वाद्य यंत्रों के विकास में योगदान दिया।
  • चित्रकला पर इस काल में इस्लामी प्रभाव बढ़ा, लेकिन मुगल काल में इसे और अधिक संरक्षण मिला।

सल्तनत काल के महत्वपूर्ण निर्माण कार्य

निर्माणस्थाननिर्माताविशेषताएँ
कुतुब मीनारदिल्लीकुतुबुद्दीन ऐबक (आरंभ), इल्तुतमिश (पूर्ण)विश्व की सबसे ऊँची ईंटों की मीनार (73.5 मीटर)
कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिददिल्लीकुतुबुद्दीन ऐबकभारत की पहली मस्जिद मानी जाती है
इल्तुतमिश का मकबरादिल्लीइल्तुतमिशभारत का पहला सुल्तानी मकबरा
अलाइ दरवाजादिल्लीअलाउद्दीन खिलजीपहली संरचना जिसमें इस्लामी मेहराब और गुंबद का प्रयोग हुआ
सिरी किलादिल्लीअलाउद्दीन खिलजीदिल्ली का दूसरा ऐतिहासिक शहर
हौज खास जलाशय और मदरसादिल्लीअलाउद्दीन खिलजीजल संचयन और शिक्षा के लिए निर्मित
तुगलकाबाद किलादिल्लीगयासुद्दीन तुगलकविशाल पत्थरों से निर्मित मजबूत किला
फिरोज शाह कोटलादिल्लीफिरोज शाह तुगलकअशोक स्तंभ को मेरठ से लाकर स्थापित किया गया
अडाई दिन का झोपड़ाअजमेरकुतुबुद्दीन ऐबकसंस्कृत विद्यालय को मस्जिद में परिवर्तित किया गया
लोदी गार्डन की मकबरियाँदिल्लीलोदी शासकलोदी शैली का उत्कृष्ट उदाहरण
सिकंदर लोदी का मकबरादिल्लीसिकंदर लोदीचारबाग शैली में बना पहला मकबरा
शेरशाह सूरी का मकबरासासाराम (बिहार)शेरशाह सूरीजलाशय के बीच स्थित भव्य मकबरा

सल्तनत काल के प्रमुख ग्रंथ एवं उनके लेखक

ग्रंथ का नामलेखकविषय / विशेषता
तबकात-ए-नासिरीमिन्हाज-उस-सिराजसल्तनत काल का ऐतिहासिक ग्रंथ
तारीख-ए-फिरोजशाहीजियाउद्दीन बरनीफिरोजशाह तुगलक के काल का वर्णन
फतवा-ए-जहांदारीजियाउद्दीन बरनीइस्लामी शासन और नीतियों का वर्णन
तारीख-ए-मुबारकशाहीयाह्या बिन अहमद सिरहिंदीखिलजी और तुगलक वंश का इतिहास
खजाइन-उल-फुतूहअमीर खुसरोअलाउद्दीन खिलजी की विजय गाथाएँ
तुगलकनामाअमीर खुसरोगयासुद्दीन तुगलक पर केंद्रित कविता
मिफ्ताह-उल-फुतूहअमीर खुसरोअलाउद्दीन खिलजी की उपलब्धियाँ
अशिकाअमीर खुसरोप्रेमकथा पर आधारित फारसी कविता
नूह-सिपिहरअमीर खुसरोखगोलशास्त्र और सामाजिक व्यवस्था
रहमत-उल-आलमीनअब्दुर्रहीम खान-ए-खानापैगंबर मुहम्मद के जीवन पर आधारित
आइन-ए-अकबरीअबुल फजलअकबर के प्रशासन, संस्कृति, और शासन प्रणाली पर ग्रंथ (हालाँकि यह मुगलकालीन है, लेकिन सल्तनत के प्रभाव को दर्शाता है)

सल्तनत काल के महत्वपूर्ण बिंदु

  • दिल्ली का वह सुल्तान जिसने अपनी आत्मकथा खुद लिखी वह फिरोजशाह तुगलक था।
  • अलाई दरवाजा का निर्माण अलाउदीन खिलजी ने किया था।
  • कुतुबमीनार की पॉचवी मंजिल को फिरोजशाह तुगलक ने निर्माण किया था।
  • तुती-ए-हिन्द के नाम से विख्यात अमीर खुसरो का जन्म पटियाली एटा में हुआ था तथा वे कवि, इतिहासकार तथा संगीतज्ञ थे।
  • भारत में बलबन का मकबरा जो सबसे पहले शुद्ध इस्लामी शैली में निर्मित हुआ था।
  • किताब-उल-हिन्द अलबरूनी के द्वारा लिखा गया था।
  • अमीर खुसरो ने खड़ी बोली भाषा के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई।
  • फतवा-ए-जहाँदारी में एक आदर्श मुसलमान शासक के गुणों का उल्लेख किया गया है।
  • दिल्ली के सुल्तानों ने फारसी भाषा को संरक्षण प्रदान किया था।
  • हिन्दू-मुस्लिम गान-वाद्यों का सर्वश्रेष्ठ मिश्रण सितार संगीत वाद्यय यंत्र माना जाता है।
  • अमीर खुसरो एवं शेख निजामुदीन औलिया ने दिल्ली के सात सुल्तानो का शासनकाल देखा था।
  • नवीन फारसी काव्य-शैली सबक-ए-हिन्दी अथवा हिन्दुस्तानी शैली का जन्मदाता अमीर खुसरो को माना जाता है।
  • संगीत यंत्र तबला का आविस्कार अमीर खुसरो को माना जाता है।
  • राणा कुंभा ने राजपूत शासक संगीत पर एक पुस्तक की रचना की
  • भारत में इल्तुतमिश को मकबरा निर्माण शैली का जनक कहा जाता है।
  • लाहौर को भारत में फारसी भाषा के प्रयोग व प्रसार के प्रथम केंद्र के रूप में जाना जाता है।

निष्कर्ष

दिल्ली सल्तनत के दौरान स्थापत्य और साहित्य दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान हुआ। इस काल की इमारतें इस्लामी और भारतीय स्थापत्य के मिश्रण का उदाहरण हैं, वहीं साहित्य में फारसी और हिंदी दोनों भाषाओं का उत्थान हुआ। इस युग की स्थापत्य और साहित्यिक कृतियाँ भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

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