प्रित्ज़कर वास्तुकला पुरस्कार 2025 के विजेता चीनी वास्तुकार लियू जियाकुन हैं। वे चेंगदू, चीन में आधारित हैं और अपने करियर में 30 से अधिक वास्तु परियोजनाएँ पूरी कर चुके हैं। उनका कार्य शैक्षणिक और नागरिक परियोजनाओं, सांस्कृतिक और व्यावसायिक स्थानों, और शहरी नियोजन योजनाओं तक विस्तृत है। उनकी डिज़ाइनों का उद्देश्य दैनिक जीवन को ऊँचा उठाना और सार्वजनिक क्षेत्र में सकारात्मक योगदान देना है। प्रित्जकर वास्तुकला पुरस्कार 2025: लियू जियाकुन || Pritzker Architecture Prize 2025: Liu Jiaqun

लियू जियाकुन की वास्तुकला शैली:
लियू जियाकुन की वास्तुकला पारंपरिक चीनी तत्वों को आधुनिक डिज़ाइन के साथ मिश्रित करती है। वे निर्मित वातावरण में सामाजिक समानता के प्रति प्रतिबद्ध हैं और उनकी रचनाएँ व्यक्तिगत और सामुदायिक आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित करती हैं। उनकी वास्तुकला सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, और प्राकृतिक तत्वों पर ध्यान देती है, जिससे उनके डिज़ाइन स्थानीय परिवेश से जुड़े और परिचित महसूस होते हैं।
प्रमुख परियोजनाएँ:
- लुयेयुआन स्टोन स्कल्पचर आर्ट म्यूज़ियम (2002) – चेंगदू, चीन
- सिचुआन फाइन आर्ट्स इंस्टिट्यूट का मूर्तिकला विभाग (2004) – चोंगकिंग, चीन
- वेस्ट विलेज (2015) – चेंगदू, चीन
प्रित्ज़कर पुरस्कार और मान्यता:
प्रित्ज़कर पुरस्कार की जूरी ने लियू जियाकुन के कार्य की प्रशंसा की है, क्योंकि वह व्यस्त शहरी संदर्भों में ध्यान या विश्राम के स्थान बनाते हैं। उनकी डिज़ाइनों में सामाजिक समानता और स्थानीय संस्कृति का विशेष ध्यान रखा जाता है।
लियू जियाकुन प्रित्ज़कर पुरस्कार जीतने वाले दूसरे चीनी वास्तुकार हैं। इससे पहले वांग शू ने 2012 में यह पुरस्कार जीता था।
प्रित्ज़कर वास्तुकला पुरस्कार का इतिहास
परिचय:
प्रित्ज़कर वास्तुकला पुरस्कार (Pritzker Architecture Prize) वास्तुकला के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जिसे अक्सर “वास्तुकला का नोबेल पुरस्कार” कहा जाता है। यह पुरस्कार उन जीवित वास्तुकारों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से मानवता और निर्मित पर्यावरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।
स्थापना और उद्देश्य:
- स्थापना वर्ष: 1979
- संस्थापक: जे प्रित्ज़कर (Jay Pritzker) और सिंडी प्रित्ज़कर (Cindy Pritzker)
- संस्था: हयात फाउंडेशन (The Hyatt Foundation)
- उद्देश्य: वास्तुकला में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और उन वास्तुकारों को सम्मानित करना, जिन्होंने समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला हो।
पुरस्कार स्वरूप:
- विजेता को $100,000 (USD) की पुरस्कार राशि दी जाती है।
- कांस्य की बनी हुई एक आधिकारिक मेडल दी जाती है, जिसे लुईस सुलिवन मेडल भी कहा जाता है।
- एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
महत्वपूर्ण विजेता और उनकी उपलब्धियाँ:
प्रित्ज़कर पुरस्कार की शुरुआत से अब तक कई महान वास्तुकारों को सम्मानित किया गया है। कुछ प्रमुख विजेताओं में शामिल हैं:
- फिलिप जॉनसन (Philip Johnson) – 1979
- पहले प्रित्ज़कर पुरस्कार विजेता।
- “ग्लास हाउस” (Glass House) के लिए प्रसिद्ध।
- लुईस बैरागन (Luis Barragán) – 1980
- मैक्सिकन वास्तुकार, जिन्होंने रंगों और प्रकृति का अनूठा मिश्रण किया।
- ऑस्कर निमेयर (Oscar Niemeyer) – 1988
- ब्राज़ील की राजधानी ब्रासीलिया के डिज़ाइनर।
- फ्रैंक गेहरी (Frank Gehry) – 1989
- “गुगनहेम म्यूज़ियम, बिलबाओ” के लिए प्रसिद्ध।
- रेंजो पियानो (Renzo Piano) – 1998
- “सेंटर पोम्पीडू” (Centre Pompidou, Paris) के सह-निर्माता।
- ज़ाहा हदीद (Zaha Hadid) – 2004
- पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला वास्तुकार।
- बालकृष्ण दोशी (Balkrishna Doshi) – 2018
- यह पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय वास्तुकार।
- डायबेडो फ्रांसिस केरे (Diébédo Francis Kéré) – 2022
- यह पुरस्कार जीतने वाले पहले अफ्रीकी वास्तुकार।
- डेविड चिपरफील्ड (David Chipperfield) – 2023
- लंदन स्थित वास्तुकार, जिन्होंने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संरक्षण में योगदान दिया।
- लियू जियाकुन (Liu Jiakun) – 2025
- चीन के प्रसिद्ध वास्तुकार, जो समकालीन डिज़ाइन के लिए प्रसिद्ध हैं।
पुरस्कार के प्रभाव:
प्रित्ज़कर पुरस्कार वास्तुकला में नई सोच और नवाचार को प्रेरित करता है। यह समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डालता है और दुनिया भर के वास्तुकारों को उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करता है।
अगर आप किसी विशेष विजेता या उनके डिज़ाइनों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो बताइए! 😊