हाल ही में मर्सर | मेटल द्वारा प्रकाशित “भारत स्नातक कौशल सूचकांक 2025” रिपोर्ट में भारतीय स्नातकों की रोजगार योग्यता में गिरावट पर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में यह दर 44.3% थी, जो 2024 में घटकर 42.6% रह गई है। (भारत स्नातक कौशल सूचकांक 2025 || India Graduate Skills Index 2025)

मुख्य निष्कर्ष:
- स्नातक रोजगार योग्यता में गिरावट:
- गैर-तकनीकी भूमिकाओं में रोजगार योग्यता में उल्लेखनीय कमी आई है, जबकि तकनीकी भूमिकाओं में मामूली सुधार देखा गया है।
- AI और मशीन लर्निंग क्षेत्रों में रोजगार योग्यता 46.1% तक पहुंच गई है, जो तकनीकी कौशल में सुधार को दर्शाता है।
- क्षेत्रीय प्रदर्शन:
- दिल्ली 53.4% रोजगार योग्यता स्कोर के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद हिमाचल प्रदेश और पंजाब का स्थान है, दोनों ने 51.1% की दर दर्ज की है।
- सॉफ्ट स्किल्स की चुनौतियाँ:
- संचार, आलोचनात्मक सोच, नेतृत्व और रचनात्मकता जैसे सॉफ्ट स्किल्स में दक्षता की कमी पाई गई है, जो रोजगार योग्यता में गिरावट का एक प्रमुख कारण है।
- संचार, आलोचनात्मक सोच, नेतृत्व और रचनात्मकता जैसे सॉफ्ट स्किल्स में दक्षता की कमी पाई गई है, जो रोजगार योग्यता में गिरावट का एक प्रमुख कारण है।
- लिंग असमानता:
43.4% पुरूष स्नातक रोजगार योग्य हैं, जबकि 41.7% महिला रोजगार योग्य है। - कॉलेज-आधार रोजगार:
टियर 1 कॉलेजों से स्नातक करने वाले की रोजगार संभावना सबसे अधिक होती है - सॉफट स्किल्स प्रवीणता:
50 स्नातकों में भावनात्मक बुद्धिमता और रचनात्मकता जैसे कौशल होते है।
इस रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि भारतीय स्नातकों को न केवल तकनीकी कौशल में, बल्कि सॉफ्ट स्किल्स में भी सुधार की आवश्यकता है ताकि वे तेजी से बदलते रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रह सकें।
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