भारतीय सभ्यता संस्कृति का विकास सिन्धु घाटी से माना जाता है, जो अपने विशाल साम्राज्यों, व्यापार, संस्कृतिक विकास व आर्थिक सफलाताओं के लिए जानी जाती है।
इसका नाम आर्यावर्त, उत्तर भारत में बसने वाले आर्यो के नाम पर किया गया है। इन आर्यों के शक्तिशाली राजा भरत के नाम पर यह भारतवर्ष कहलाया ।।
वैदिक आर्यों का निवास स्थान सिन्धु नदी घाटी में था। ईरानियों ने इस नदी को हिन्दु नदी तथा इस देश को हिन्दुस्तान कहा। यूनानियों ने सिन्धु नदी को इण्डस तथा इस देश को इण्डिया कहा।
भारत की अवस्थिति एवं विस्तार-
एशिया महाद्वीप के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित भारत विविधताओं का देश है। इसके चतुष्कोणीय आकर और अवस्थिति ने इसे विशिष्ट भौतिक विविधता प्रदान की है इस देश के उत्तर में ऊँचे हिमालय पर्वत, मध्य में विशालल नदी द्रोणियाँ, उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी भाग में वनाच्छादित पहाडियाँ तथा उत्तरी-पश्चिमी भाग में रेतीले मरुस्थलों का विस्तार है।
यह उत्तर में हिमालय पर्वत, उत्तर-पश्चिम में हिन्दुकुश व सुलेमान श्रेणियाँ, उत्तर-पूर्व में पूर्वाचल पहाड़ियाँ तथा दक्षिण में विशाल हिन्द महासागर से समीमांकित एक वृहत भौगोलिक इकाई है, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप कहा जाता है। भारतीय उपमाहद्वीप के अन्तर्गत भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और पाकिस्तान सहित कुल सात देश आते है।
उत्तर से दक्षिण तक इसकी अधिकतम लंबाई 3,214 कि. मी. और पूर्व से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 2,933 कि. मी.

क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत से बड़े देशों का क्रम इस प्रकार है-
रूस > कनाडा > संयुक्त राज्य अमेरिका > चीन > ब्राजील > ऑस्ट्रेलिया >भारत
भारत अक्षांशीय एवं देशांतरीय दृष्टि से क्रमशः उत्तरी गोलार्द्ध और पूर्वी गोलाद्ध में स्थित है। भारत की मुख्य भूमि दक्षिण से उत्तर 8° 4′ से 37° 6′ उत्तरी अक्षाशों एवं पश्चिम से पूर्व 68° 7′ से 97° 25′ पूर्वी देशांतरों के मध्य विस्तृत है।
यदि हम भारत के द्वीप समूहों को सम्मिलित करते हैं तब इसका दक्षिण में विस्तार 6°45′ उत्तरी अक्षांश से शुरू होता है। इस प्रकार सम्पूर्ण भारत का अक्षांशीय विस्तार 6°45′ (बंगाल की खाडी में अवस्थित) से 37°6′ उत्तरी अक्षांशों के मध्य है।
भारत का उत्तरी बिन्दु इंदिरा कॉल (37°6′ उत्तरी अक्षांश) है, जो लद्दाख में स्थित है। भारत की मुख्य भूमि का दक्षिणतम बिन्दु कन्याकुमारी या केप कमोरिन अंतरिप ( 8° 4′ उत्तरी अक्षांश) है, जो तमिलनाडु राज्य में स्थित एक द्वीप है।
मुख्य भू-भाग के दक्षिण-पूर्व में, अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह (बंगाल की खाड़ी में) तथा दक्षिण-पश्चिम में लक्षद्वीप द्वीप समूह (अरब सागार) स्थित है।
भारत का सबसे दक्षिणी बिन्दु इंदिरा प्वाइंट है जो अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार द्वीप का दक्षिणी बिन्दु (6°45′ उत्तरी अक्षांश) है। यह वर्ष 2004 में सुनामी लहरों के कारण समुद्र में जलमग्न हो गया था इस बिन्दु को पहले पिग्मेलियन प्वाइंट या पारसन प्वाइण्ट के नाम से भी जाना जाता था। भूमध्य रेखा से इसकी दूरी 876 किमी है।
देश की चतुर्दिक अन्तिम सीमा बिन्दु-
दक्षिणतम बिन्दु | इन्दिरा प्वाइंट (ग्रेट निकोबार द्वीप) |
उत्तरतम बिन्दु | इन्दिरा कॉल (लद्दाख) |
पश्चिमोउत्तरत बिन्दु | गौरमोता या गुहार मोती (गुजरात) |
पूर्वाेउत्तर बिन्दु | किबिथु (अरूणाचल प्रदेश) |
मुख्य भूमि का दक्षिणतम बिन्दु | कन्याकुमारी 8° 4′ उत्तरी अक्षांश (तमिलनाडु) |