चालकता क्या है || परिभाषा || इकाई || सुत्र || What is conductivity || Definition || Unit || Formula

चालकता (Conductivity) किसी पदार्थ की वह क्षमता होती है, जिसके द्वारा वह विद्युत या ऊष्मा को अपने माध्यम से प्रवाहित होने देती है। इसका उपयोग मुख्य रूप से भौतिकी और रसायन विज्ञान में होता है, जहां इसे विद्युत चालकता और ऊष्मा चालकता में विभाजित किया जाता है:

  1. विद्युत चालकता: यह किसी पदार्थ की वह क्षमता है, जिसके द्वारा वह विद्युत प्रवाह को अपने माध्यम से गुजरने देता है। जिन पदार्थों में विद्युत चालकता अधिक होती है, उन्हें कुचालक (Conductors) कहते हैं, जैसे तांबा, एल्युमिनियम, आदि। विद्युत चालकता का मापन “सीमेंस प्रति मीटर” (S/m) में किया जाता है।
  2. ऊष्मा चालकता: यह किसी पदार्थ की वह क्षमता है, जिसके द्वारा वह ऊष्मा को अपने माध्यम से प्रवाहित होने देता है। ऊष्मा चालकता का मापन वॉट प्रति मीटर केल्विन (W/m·K) में किया जाता है।
conductivity

इकाई (Units)

  1. विद्युत चालकता की इकाई:
    • SI इकाई: सीमेंस प्रति मीटर (Siemens per meter, S/m)।
    • इसे एम्पियर प्रति वोल्ट प्रति मीटर (A/V·m) में भी व्यक्त किया जा सकता है।
  2. ऊष्मा चालकता की इकाई:
    • SI इकाई: वॉट प्रति मीटर केल्विन (W/m·K)।

सूत्र (Formula)

  1. विद्युत चालकता (σ\sigmaσ):σ=1ρ\sigma = \frac{1}{\rho}σ=ρ1​जहां, ρ\rhoρ पदार्थ का प्रतिरोधकता (resistivity) है।
  2. ऊष्मा चालकता (kkk): ऊष्मा चालकता की गणना ऊष्मा प्रवाह दर और तापमान ढाल के अनुपात के आधार पर की जाती है:k=Q⋅dA⋅ΔTk = \frac{Q \cdot d}{A \cdot \Delta T}k=A⋅ΔTQ⋅d​जहां:
    • QQQ = प्रवाहित ऊष्मा (वॉट में),
    • ddd = पदार्थ की मोटाई (मीटर में),
    • AAA = क्षेत्रफल (मीटर² में),
    • ΔT\Delta TΔT = तापमान में अंतर (केल्विन में)।

इस प्रकार, चालकता का मापन यह दर्शाता है कि कोई पदार्थ विद्युत या ऊष्मा को कितनी आसानी से प्रवाहित कर सकता है।

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चालकता (Conductivity) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :

  • सिलिकॉन, कार्बन, जर्मेंनियम अर्द्धचालक के उदाहरण है।
  • अर्द्धचालक की चालकता (Conductivity of Semiconductor) शून्य ताप पर अधिकतम होती है।
  • परम शून्य तापमान पर अर्द्धचालकों में विद्युत प्रतिरोध अनन्त हो जाता है।
  • ऐसे पदार्थ जिनसे होकर विद्युत आवेश का प्रवाह सरलता से नहीं होता है उस अचालक कहलाते है।
  • अतिचालकता के शुन्य पारगम्यता लक्षण होते है।
  • नव अविष्कृत उच्च ताप अतिचालक सिरेमिक ऑक्साइड होता है।
  • ट्रांजिस्टर बनाने के लिए सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थ सिलिकॉन है।
  • अद्धचालक में अशुद्धियाँ मिश्रित करने के लिए प्रक्रिया को डोपिग कहते है।
  • डायोड(Diode) का प्रयोग AC वोल्टेज को DC वोल्टेज में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।
  • चालक की लम्बाई में वृद्धि होने पर उसकी प्रतिरोधकता भी बढ़ जाती है।
  • चलक का प्रतिरोध पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
  • चलक की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल जितना अधिक होगा उसका प्रतिरोध उतना ही कम होगा।
  • चलक के ताप में वृद्धि होने से उसके प्रतिरोध और प्रतिरोधता में परिवर्तन होात है। धातुओं में तापीय वृद्धि से उनके प्रतिरोध एवं प्रतिरोधकता में वृद्धि होती है।
  • चुम्बकीय आकर्षक शक्ति चुम्बक के दोनों किनारों पर सर्वाधिक होती है।
  • चुम्बकिय कम्पास की सुई उतर एवं दक्षिण दिशा को प्रदशिंत करती हैं।
  • CGS पद्धति में चुम्बकीय फलक्स का मात्रक मैक्सवैल होता है।
  • ऐसा ताप जो लौह चुम्बकीय प्रकृति एवं अनुचुम्बकीय प्रकृति के मध्य प्रदर्शित होता है। उसे क्यूरी ताप कहा जाता हैै।
  • चुम्बक की आकर्षक शक्ति न्यूनतम चुम्बक के मध्य में होती हैं।
  • प्रकृतिक चुम्बक लैह धातु के अयस्क के बने होते है।
  • स्वतंत्र रूप से लटके चुम्बक का आवर्तकाल लटकने की लम्बाई पर निर्भर नहीं करेगां।
  • तड़ित से वृक्षों में आग भी लग सकती है, क्योकि इसमें अत्यधिक मात्रा में विद्युत ऊर्जा होती है।
  • सभी चुम्बकीय पदार्थों का चुम्बकीय गुण जब वे बहुत अधिक गर्म होते है तो कम हो जाता है।
  • लेंज का नियज चुम्बक फलक्स संरक्षण के अनुरूप होता है।
  • मैग्नेटाइट अयस्क प्राकृतिक चुम्बक कहा जाता हैै
  • जब दण्ड चुम्बक को लम्बाई में दो बराबर भागों में बाँट दिया जाता है, तो प्रत्येक टुकडा एक स्वतंत्र चुम्बक की तरह व्यवहार करेगा।
  • फलेमिंग के दाँये हाथ के नियम का प्रयोग प्रेरित धारा की दिशा ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
  • विद्युत परिरथ में फयूज का प्रयोग जब परिपथ से अत्यधिक धारा प्रवाहित हो तो फयूज तार गल जाए और परिपथ टूट जाए।
  • जो धातु विद्युत की सबसे अच्छी सुचालक होती है, उसका विशिष्ट प्रतिरोध सबसे कम होता है।

चालक पदार्थों के उदाहरण
धातु (लोहा,चाँदी, ताँबा, इस्पात), अशुद्ध जल, पृथ्वी, वायु, ग्रेफाइट आदि।

अचालक पदार्थों के उदाहरण
रबड, लकड़ी , शुद्ध जल , काँच. चीनी मिट्टी. कागज, मोम, रूई, रेशम प्लास्टिक. ऐबोनाइट, चमड़ा आदि।

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