मूल अधिकार क्या है और उनके विशेषताएँ || What are fundamental rights and their features

भारतीय संविधान के भाग 3 (अनुछेद 12 से 35 ) के अंतर्गत नागरिको को मौलिक अधिकार प्रदान किए जाते है। ऐसे अधिकार हैं जो उनकी स्वतंत्रता, गरिमा, और समता की सुरक्षा करते हैं। इन अधिकारों को संविधान के भाग III में शामिल किया गया है और इन्हें न्यायालय द्वारा सुरक्षित रखा जाता है। मूल अधिकारों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर और स्वतंत्रता मिले, साथ ही उनका शोषण या भेदभाव न हो।

प्रमुख मूल अधिकार

  1. समानता का अधिकार (Right to Equality)
    • अनुच्छेद 14: कानून के समक्ष समानता और कानूनों के समान संरक्षण का अधिकार।
    • अनुच्छेद 15: धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव का निषेध।
    • अनुच्छेद 16: सार्वजनिक रोजगार के मामलों में समान अवसर।
    • अनुच्छेद 17: अस्पृश्यता का अंत।
    • अनुच्छेद 18: उपाधियों (टाइटल्स) का अंत।
  2. स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom)
    • अनुच्छेद 19: भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता, संघों की स्वतंत्रता, देश के किसी भी हिस्से में घूमने की स्वतंत्रता, और किसी भी व्यवसाय, व्यापार या पेशे की स्वतंत्रता।
    • अनुच्छेद 20: दोषसिद्धि के मामलों में संरक्षण।
    • अनुच्छेद 21: जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार।
    • अनुच्छेद 22: गिरफ्तारी और निरोध के मामले में संरक्षण।
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right against Exploitation)
    • अनुच्छेद 23: मानव तस्करी, बलात श्रम और जबरन मजदूरी का निषेध।
    • अनुच्छेद 24: 14 साल से कम उम्र के बच्चों का किसी कारखाने, खदान या अन्य जोखिमपूर्ण रोजगार में कार्य करने का निषेध।
  4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion)
    • अनुच्छेद 25: धर्म का पालन, आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता।
    • अनुच्छेद 26: धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता।
    • अनुच्छेद 27: किसी विशेष धर्म को बढ़ावा देने के लिए कर का भुगतान न करना।
    • अनुच्छेद 28: धार्मिक शिक्षा का अधिकार।
  5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural and Educational Rights)
    • अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति, भाषा या लिपि को संरक्षित करने का अधिकार।
    • अनुच्छेद 30: अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी शिक्षा संस्थान स्थापित करने और प्रबंधित करने का अधिकार।
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies)
    • अनुच्छेद 32: मूल अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ न्यायालय में जाने का अधिकार। इसे “संविधान का हृदय और आत्मा” कहा गया है।

मूल अधिकार की विशेषताएँ:

  1. संविधान में निहित: मूल अधिकार भारतीय संविधान के भाग III में अनुच्छेद 12 से 35 तक वर्णित हैं।
  2. न्यायसंगत: यदि किसी व्यक्ति का मूल अधिकार का उल्लंघन होता है, तो वह उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय में जा सकता है।
  3. सार्वभौमिकता: ये अधिकार सभी भारतीय नागरिकों के लिए समान रूप से लागू होते हैं, चाहे उनका धर्म, जाति, लिंग, या क्षेत्र कोई भी हो।
  4. सीमितता: कुछ मूल अधिकारों पर सरकार द्वारा लगाए गए तार्किक प्रतिबंध हो सकते हैं, जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, और नैतिकता की सुरक्षा के लिए।
  5. रोकथाम और सुधार: मूल अधिकार न केवल किसी अन्याय को रोकने का काम करते हैं, बल्कि किसी भी अन्यायपूर्ण कार्रवाई के सुधार की भी व्यवस्था करते हैं।
  6. संविधान संशोधन के तहत सुरक्षा: मूल अधिकारों को संशोधित किया जा सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन होना चाहिए।

भारतीय संविधान में वर्णित प्रमुख मूल अधिकार:

  1. समानता का अधिकार (Right to Equality): अनुच्छेद 14 से 18 तक, जिसमें कानून के समक्ष समानता, धर्म, जाति, लिंग, या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध शामिल है।
  2. स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom): अनुच्छेद 19 से 22 तक, जिसमें भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता, संघों और यूनियनों की स्वतंत्रता, आंदोलन की स्वतंत्रता, निवास और व्यवसाय की स्वतंत्रता शामिल है।
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right against Exploitation): अनुच्छेद 23 और 24, जिसमें मानव तस्करी, बलात श्रम और बाल श्रम का निषेध शामिल है।
  4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion): अनुच्छेद 25 से 28 तक, जिसमें धर्म की स्वतंत्रता, धार्मिक मामलों का प्रबंधन और धार्मिक शिक्षण की स्वतंत्रता शामिल है।
  5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural and Educational Rights): अनुच्छेद 29 और 30, जिसमें अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा और शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रबंधन का अधिकार शामिल है।
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies): अनुच्छेद 32, जिसमें मूल अधिकारों के संरक्षण के लिए न्यायालय में जाने का अधिकार शामिल है। डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने इसे “संविधान का हृदय और आत्मा” कहा था।

मूल अधिकार भारतीय नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे उनकी स्वतंत्रता, सम्मान और समानता की रक्षा करते हैं। इनके माध्यम से भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका की मज़बूती और प्रामाणिकता की भी पुष्टि होती है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • भारतीय संविधान का अनु. 13 संवैधानिक प्रावधनों को संसद तथा राज्य विधान मण्डलों द्वारा बनाए गय नियमों या कानूनों पर प्रथमिकता प्रदान करता है।
  • भारतीय संविधान के अनु. 13 का मुख्य उद्देश्य मौलिक अधिकारों के संन्दर्भ में संविधान की सर्वाेच्चता सुनिश्चित करना है।
  • भारतीय संविधान में समानता के अधिकार का विस्तार अनु. 14 से 18 तक है।

संवैधनिक उपबंध

केवल भारतीय नागरिको को प्राप्त मूल अधिकार

  • धर्म,मूलवंश, जाति लिंग या जन्म-स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध अनुच्छेद – 15
  • लोक नियोजन के विषय में अवसर की समाता अनुच्छेद – 16
  • वाक् एवं अभिव्यक्ति शान्तिपूर्ण एवं शास्त्ररहित सम्मेलन करने, संघ एवं सरकारी समिति बनाने, भारत के राज्य क्षेत्र में अबाधसंचरण एवं बसने तथा व्यापार करने की स्वंत्रता अनुच्छेद 19
  • अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण अनुच्छेद 29
  • शिक्षक संस्थानो की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गो का अधिकार अनुच्छेद 30

भारतीयो एवं विदेशी नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकार

  • विधि के समक्ष समता और विधियों का समान संरक्षण अनुच्छेद 14
  • अपराधों के लिए दोष-सिद्धि के सम्बंध मं सरक्षण अनुच्छेद 20
  • जीवन का अधिकार अनुच्छेद 21
  • शिक्षा का अधिकार अनुच्छेद 21A
  • कुछ दशाओं में गिरफतारी एवं निरोध से संरक्षण अनुच्छेद 22
  • शोषण के विरूद्ध अधिकार अनुच्छेद 23, 24
  • धर्म एवं संस्कृति की स्वतंत्रा का अधिकार अनुच्छेद 25, 26, 27, 28
  • संविधान के अनुच्छेद 17 में अस्पृश्यता का उन्मूलन किया गया है।
  • उपाधियों का अन्त अनुच्छेद 18
  • प्रेस की स्वतंत्रा अनुच्छेद 19 A

अनुच्छेद 19 के अन्तर्गत 6 प्रकार कि स्वतंत्रताएँ

  • वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (1-A)
  • शंतिपूर्ण हथियार रहित सम्मेलन का अधिकार अनुच्छेद 19 (1-B)
  • संगम या संघ सहकारी समिति बनाने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1-C)
  • भारत के राज्य क्षेत्र में अबाध संचरण का अधिकार अनुच्छेद 19 (1-D)
  • कोई वृति आजीविका व्यवसाय या व्यापार करने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1-G)
  • भारत के किसी भाग में निवास करने व बसने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1-E)

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 (C) में अपराध के अभियुक्त को स्वयं अपने विरुद्ध गवाह बनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
  • संविधान का अनुच्छेद 20 दोषसिद्धि के संबंध में अभियुक्त को दोहरे दंड एवं स्व-अभिशासन से संरक्षण प्रदान करता है।
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 व्यक्ति की विदेश यात्रा के अधिकार को संरक्षण प्रदान करता है।
  • मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत अनुच्छेद 24 बच्चों के शोषण के विरुद्ध प्रावधान से समबंधित है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में प्रयुक्त हिन्दु शब्द में बौद्ध जैन सिक्ख धर्म सम्मिलित है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत मैालिक अधिकार प्रवर्तित् किए जा सकते है।
  • मौलिक अधिकारों का संरक्षक न्यायपलिका होता है।
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यको को अपनी रूचि के शिक्षण संस्थाओ को स्थापित एवं संचालित करने के अधिकार को संरक्षण प्रदान करता है।
  • डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने मौलिक अधिकारों में से अनुच्छेद 32 को संविधान का हृदय एवं आत्मा का संज्ञा दिया गया है।
  • व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की जा सकती है।
  • संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन का अधिकार केशवानंद भारती बनाम केरल वाद (1973) में यह अधिकार प्रदान प्राप्त हुआ।
  • संपति के मौलिक अधिकार को 44वें संशोधन,1978 द्वारा मौलिक अधिकारो काी श्रेणी से हटा कर केवल वैधानिक अधिकार बनया गया ।
  • अनुच्छेद 26 के अंतर्गत सभी धर्मावलम्बियों को धार्मिक संस्था की स्थापना व धार्मिक कार्याे के प्रबंधन का अधिकार प्राप्त है।
  • सूचना का अधिकार एक विधिक अधिकार है जो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में माध्यम से प्रदान किया गया है।
  • आर्थिक रूप से पिछडे वर्ग को आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान में अनुच्छेद 15 (6) तथा 16 (6) में जोडे गए है।
  • 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रदत शिक्षा का अधिकार मूल अधिकार में रखा गया है।
  • बंधुआ मजदूर (उन्मूलन) अधिनियम संसद द्वारा 1976 में पारित किया गया था।
मूलअधिकार अनुच्छेद
समानता का अधिकार अनुच्छेद 14-18
स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 19-22
शोषण के विरुद्ध अधिकारअनुच्छेद 23-24
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25-28
संस्कृति और शिक्षा सम्बंधी अधिकार अनुच्छेद 29-30
संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32

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