तेलंगाना का राजव्यवस्था और इतिहास-मुख्यमंत्री – गवर्नर – भौगोलिक स्थिति-कुछ महत्वपूर्ण बिंदु || Polity and History of Telangana – Chief Minister – Governor – Geographical Location – Some Important Points

तेलंगाना भारत का एक दक्षिणी राज्य है, जिसका गठन 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से विभाजित होकर किया गया था। इसकी राजधानी हैदराबाद है, जो आईटी हब और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। तेलंगाना का इतिहास समृद्ध है, जिसमें काकतीय वंश, निजाम शासकों और हैदराबाद के रजवाड़ों का बड़ा योगदान रहा है।  भारत का 29वाँ राज्य हैं।

तेलंगाना की भौगोलिक स्थिति इसे गोदावरी और कृष्णा जैसी नदियों से सिंचित बनाती है, और यहां का प्रमुख उद्योग कृषि है, जिसमें चावल, कपास, मिर्च और तंबाकू की खेती की जाती है। इसके साथ-साथ, आईटी और फार्मास्यूटिकल्स उद्योगों में भी राज्य की पहचान है।

तेलंगाना के प्रमुख तथ्य:

  • राजधानी: हैदराबाद
  • मुख्यमंत्री– अनुमुला रेवंत रेड्डी
  • उपमुख्यमंत्री -मल्लू भट्टी विक्रमार्क
  • गवर्नर -जिष्णु देव वर्मा
  • लोकसभा सीटें -17
  • राज्यसभा सीटें – 07
  • विधानसभा सीटें – 119
  • विधानपरिषद् सीटें – 40
  • जिलें -33
  • आधिकारिक भाषा: तेलुगु और उर्दू
  • स्थापना: 2 जून 2014
  • आबादी: 35,003,674
  • साक्षरता दर: 66.54%
  • त्योहार: बोनालु या देवी महाकाली बोनुलू 
  • राजकीय पशु –चितकबरा हिरन 
  • राजकीय पक्षी – नीलकंठ
  •  क्षेत्रफल – 1,12,077 वर्ग किमी
  • वृक्ष – जामई 
  • लिंगानुपात – 988
  • फसलें – कपास, आम और तंबाकू
  • राजकीय नृत्य पेरिनी शिवतांडवम और कीसाबादी
  • प्रमुख पर्यटन स्थल: चारमीनार, गोलकोंडा किला, रामोजी फिल्म सिटी, वारंगल का काकतीय किला

तेलंगाना का राजव्यवस्था और इतिहास

तेलंगाना की राजव्यवस्था (पॉलिटिकल सिस्टम)

तेलंगाना की राजव्यवस्था भारतीय संघीय प्रणाली का हिस्सा है, और यहां लोकतांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत सरकार का गठन होता है।

  • मुख्यमंत्री: राज्य के कार्यकारी प्रमुख मुख्यमंत्री होते हैं। वर्तमान में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. श्री अनुमुला रेवंत रेड्डी हैं, जो तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS, अब भारत राष्ट्र समिति – BRS) पार्टी के नेता हैं।
  • राज्यपाल: तेलंगाना में राज्यपाल भारतीय राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं, और यह राज्य के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। वर्तमान में जिष्णु देव वर्मा राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।
  • विधानसभा: तेलंगाना में एक एकल-सदनीय विधानसभा (unicameral legislature) है, जिसमें कुल 119 विधायक होते हैं। राज्य विधानसभा का प्रमुख कानून निर्माण का कार्य करती है।
  • राज्यसभा और लोकसभा: तेलंगाना से 7 सदस्य राज्यसभा (भारत की उच्च सदन) के लिए और 17 सदस्य लोकसभा (निचला सदन) के लिए चुने जाते हैं।
  • न्यायपालिका: तेलंगाना उच्च न्यायालय राज्य का सर्वोच्च न्यायिक निकाय है। यह हैदराबाद में स्थित है और राज्य में न्यायिक मामलों को देखता है।

2. तेलंगाना का इतिहास

तेलंगाना का इतिहास काफी समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। इस क्षेत्र का विकास विभिन्न शासकों और साम्राज्यों के अधीन हुआ है, जो इसे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान बनाता है।

प्राचीन इतिहास

  • काकतीय साम्राज्य (12वीं – 14वीं शताब्दी): काकतीय वंश के शासक वारंगल को अपनी राजधानी बनाकर दक्षिण भारत में एक मजबूत राज्य स्थापित किया था। काकतीय शासकों के समय में तेलंगाना की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का विकास हुआ। रामप्पा मंदिर और वारंगल किला इस काल के प्रमुख अवशेष हैं।

मध्यकालीन इतिहास

  • बहमनी और कुतुब शाही सल्तनतें (14वीं – 17वीं शताब्दी): काकतीय साम्राज्य के पतन के बाद, इस क्षेत्र पर बहमनी सल्तनत का शासन हुआ, और बाद में कुतुब शाही वंश ने इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। कुतुब शाही शासकों ने हैदराबाद शहर की स्थापना की, जो आज भी तेलंगाना की राजधानी है। इस समय के दौरान कला, संस्कृति, और स्थापत्य में उल्लेखनीय प्रगति हुई।

आधुनिक इतिहास

  • निजाम शाही (1724 – 1948): निजाम शासकों ने हैदराबाद को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में विकसित किया, जो ब्रिटिश शासन के अधीन होने के बावजूद अपनी स्वायत्तता बनाए रखता था। 1948 में, हैदराबाद का भारत में विलय हुआ, और यह क्षेत्र आंध्र प्रदेश राज्य का हिस्सा बन गया।
  • तेलंगाना आंदोलन: आंध्र प्रदेश के गठन के बाद, तेलंगाना क्षेत्र के लोग अपने क्षेत्रीय विकास और स्वायत्तता की मांग करने लगे। यह संघर्ष 1950 के दशक से शुरू हुआ और 1969 में “तेलंगाना आंदोलन” के रूप में उभरा। इसके बावजूद, 2000 के दशक में एक बार फिर आंदोलन तेज हुआ, जिसमें तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का बड़ा योगदान रहा। अंततः 2014 में तेलंगाना को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया गया, और यह भारत का 29वां राज्य बना।

3. तेलंगाना की संस्कृति और विरासत

तेलंगाना की संस्कृति विविधतापूर्ण और समृद्ध है। यहां तेलुगु और उर्दू प्रमुख भाषाएं हैं। तेलंगाना में लोकनृत्य, जैसे बाथुकम्मा और पेरिनी शिव तांडव, प्रसिद्ध हैं। यहां की स्थापत्य कला और स्मारक, जैसे चारमीनार, गोलकोंडा किला और वारंगल का किला, ऐतिहासिक धरोहर के प्रमुख उदाहरण हैं।

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