रामसर स्थल क्या है और कुल रामसर स्थल की सूची || What is Ramsar site and list of total Ramsar sites in 2024

रामसर स्थल (Ramsar Sites) वे आर्द्रभूमि (वेटलैंड्स) हैं जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों के रूप में मान्यता प्राप्त होती है। इन स्थलों को “रामसर कन्वेंशन” के तहत संरक्षित किया जाता है, जो कि आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है। यह संधि 1971 में ईरान के रामसर शहर में संपन्न हुई थी, इसलिए इसे रामसर कन्वेंशन कहा जाता है।

  • 05 जून, 2024 को भारत में रामसर स्थलों की सूची में 02 आर्द्रभूमि शमिल की गई है।
  • भारत में अब कुल 82 रामसर स्थल हो गए है।
  • तमिलनाडु मे अधिकतम रामसर स्थलों की संख्या 16 है और इसके पश्रात उतर प्रदेश में रामसर के 10 स्थल है।
  • प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व वेटलैंड्स दिवस मनाया जाता है।

भारत में रामसर स्थलों का महत्व

भारत में रामसर स्थलों का महत्व कई दृष्टिकोणों से अत्यधिक है, जिसमें पारिस्थितिकी, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक पहलू शामिल हैं।

पारिस्थितिक महत्व

  1. जैव विविधता का संरक्षण: रामसर स्थल कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का आवास होते हैं। ये स्थल प्रवासी पक्षियों, मछलियों, पौधों और अन्य वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण आश्रय प्रदान करते हैं।
  2. पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ: ये स्थल जल संचयन, बाढ़ नियंत्रण, जल शोधन, और जलवायु विनियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आर्थिक महत्व

  1. मत्स्य पालन और कृषि: कई स्थानीय समुदायों के लिए रामसर स्थलों के जल संसाधन मत्स्य पालन और कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  2. पर्यटन: ये स्थल पर्यटन को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। पक्षी देखने वाले, वन्यजीव प्रेमी और प्रकृति पर्यटक यहां आते हैं।

सांस्कृतिक महत्व

  1. स्थानीय समुदायों के लिए: कई रामसर स्थल स्थानीय समुदायों की संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक गतिविधियों से जुड़े होते हैं।
  2. शैक्षिक और अनुसंधान केंद्र: ये स्थल शिक्षा और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण हैं, जहां वैज्ञानिक अध्ययन और पर्यावरण शिक्षा होती है।

वैज्ञानिक महत्व

  1. अनुसंधान और शिक्षा: रामसर स्थल वैज्ञानिक अनुसंधान और पर्यावरणीय शिक्षा के लिए आदर्श स्थल हैं। यहां पर पारिस्थितिकी, जीव विज्ञान, जल विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान के अध्ययन होते हैं।
  2. प्राकृतिक प्रयोगशालाएँ: ये स्थल प्राकृतिक प्रयोगशालाओं की तरह काम करते हैं, जहां पर जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकीय बदलावों के प्रभावों का अध्ययन किया जा सकता है।

सामुदायिक और सामाजिक महत्व

  1. स्थानीय सहभागिता: रामसर स्थलों के संरक्षण में स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी होती है, जिससे स्थायी विकास को बढ़ावा मिलता है।
  2. स्थानीय रोजगार: इन स्थलों के संरक्षण और प्रबंधन के माध्यम से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं।

प्रमुख रामसर स्थल:

  1. चिलिका झील (ओडिशा): एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील और एक प्रमुख रामसर स्थल।
  2. केओलादेओ राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान): पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध।
  3. लोकटक झील (मणिपुर): यह तैरते द्वीपों (फुमदी) के लिए जानी जाती है।

भारत में कुल रामसर स्थलों की सूची 2024 में 82

रामसर साइट राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश घोषित वर्ष
चिल्का झीलओडिशा (Odisha)1981
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यानराजस्थान (Rajasthan)1981
लोकटक झीलमणिपुर (Manipur)1990
वुलर झीलजम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)1990
हरिके झीलपंजाब (Punjab)1990
सांभर झीलराजस्थान (Rajasthan)1990
कंजली झीलपंजाब (Punjab)2002
रोपड़ आर्द्रभूमिपंजाब (Punjab)2002
कोलेरू झीलआंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)2002
दीपोर बीलअसम (Assam)2002
पोंग बाँध झीलहिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)2002
त्सो मोरिरि झीललदाख (Laddakh)2002
अष्टमुडी झीलकेरल (Kerela)2002
सस्थमकोट्टा झीलकेरल (Kerela)2002
बेम्बनाड-कोल आर्द्रभूमि क्षेत्रकेरल (Kerela)2002
भोज आर्द्रभूमि मध्य प्रदेश (Madya Pradesh)2002
भितरकनिका मैंग्रोवओडिशा (Odissa)2002
प्वाइंट कैलिमर और पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2002
पूर्व कोलकाता आर्द्रभूमिपश्मि बंगाल (West Bengal)2002
चंदेरटल आर्द्रभूमिहिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)2005
रेणुका आर्द्रभूमिहिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)2005
होकेरा आर्द्रभूमिजम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir)2005
सुरिंसर और मानसर झीलजम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir)2005
रूद्रसागर झीलत्रिपुरा (Tripura)2005
ऊपरी गंगा झीलउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2005
नालसरोवर पक्षी अभयारण्यगुजरात (Gujrat)2012
सुंदरवन डेल्टा क्षेत्रपश्मि बंगाल (West Bengal)2019
नंदुर मध्यमेश्ररमहाराष्ट्र (Maharastra)2019
केशोपुर मिआनी कम्युनिटी रिजर्वपंजाब (Punjab)2019
नांगल वन्यजीव अभयारण्यपंजाब (Punjab)2019
व्यास संरक्षण रिजर्वपंजाब (Punjab)2019
नवाबगंज पक्षी अभयारण्यउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2019
साण्डी पक्षी अभयारण्यउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2019
समसपुर पक्षी अभयारण्यउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2019
समन पक्षी अभयारण्यउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2019
पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्यउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2019
सरसई नावर झीलउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2019
आसन कंजर्वेंशन रिजर्वउतराखण्ड (Uttrakhand)2020
काबर ताल झीलबिहार (Bihar)2020
लोनार झीलमहाराष्ट्र (Maharastra)2020
सुरसरोवर झीलउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2020
त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्रलदाख (Laddakh)2020
वाधवाना आर्द्रभूमि क्षेत्रगुजरात (Gujrat)2021
थोल झील वन्यजीव अभयारण्यगुजरात (Gujrat)2021
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यानहरियाणा (Haryana)2021
भिंडावास वन्यजीव अभयारण्यहरियाणा (Haryana)2021
हैदरपुर वेटलैंडउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2021
बखीरा वन्यजीव अभयारण्यउतर प्रदेश (Uttar Pradesh)2022
खिजडिया वन्यजीव अभयारणगुजरात (Gujrat)2022
करिकिली पक्षी अभयारणतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्टतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
पिचवरम मैंग्रोवतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
पाला अर्द्धभूमिमिजोरम (Mizoram)2022
साख्य सागरमध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)2022
कुनथनकुलम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
मन्नार की खाडीतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
उदयमार्थदपुरम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
वेलोड पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्सतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
सतकोसिया गॉर्जओडिशा (Odissa)2022
नंदा झीलगोवा (Goa)2022
रंगनाथितु वी एसकर्नाटक (Karnataka)2022
शिरपुर आर्द्रभूमिमध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)2022
टंपारा झीलओडिशा (Odissa)2022
हीराकुड रिजर्वओडिशा (Odissa)2022
अनसुपा झीलओडिशा (Odissa)2022
यशवंत सागरमध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)2022
चित्रांगुडी पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्सतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
वडुवूर पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
कांजीरंकुलम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु (Tamilnadu)2022
ठाणे क्रीकमहाराष्ट्र (Maharastra)2022
हाइगम वेटलैंड कंजर्वेेशन रिजर्वजम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)2022
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