पूर्व आईपीएस (IPS) अधिकारी अजीत डोभाल को तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकहार नियुक्त किया गया। उनका तीसरा कार्यकाल 10 जून से प्रभावी हुआ। डोभाल, 1968 बैच के केरल कैडर के पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं, जो 2005 में भारत की घरेलू जासूसी एजेंसी, इंटेलिजेंस व्यूरों के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत हुए थे। मई 2014 में जब मोदी ने पहली बार पदभार संभाला था, तब सुरक्षा पर सलाह देने के लिए वे उनकी पहली पसंद थे।
उनके मुख्य कार्यों में शामिल हैं:
- राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की सलाह: देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा नीति तैयार करने और उसे लागू करने में सरकार की मदद करना।
- खुफिया एजेंसियों का समन्वय: विभिन्न खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना और उन्हें रणनीतिक दिशा निर्देश देना।
- सुरक्षा जोखिमों का मूल्यांकन: देश के सामने आने वाले सुरक्षा खतरों का मूल्यांकन करना और उनसे निपटने के लिए उपाय सुझाना।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: अन्य देशों के साथ सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर बातचीत करना और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व करना।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) का नेतृत्व: राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठकों का आयोजन और अध्यक्षता करना।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया: आपातकालीन स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना।
- नीतिगत समन्वय: विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित नीतियों का समन्वय करना।
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अजीत डोभाल
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से प्राप्त की और आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
करियर: अजीत डोभाल भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी रहे हैं। उन्होंने 1968 में केरल कैडर से IPS के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।
खुफिया कार्य: अजीत डोभाल ने भारतीय खुफिया एजेंसी, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे पाकिस्तान और चीन सहित विभिन्न देशों में गुप्त ऑपरेशनों में शामिल रहे हैं। उन्होंने मिजोरम, पंजाब, और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उपलब्धियाँ: अजीत डोभाल को उनके असाधारण सेवा के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है, जो युद्ध के समय सैन्य कर्मियों को प्रदान किया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। वे इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार: अजीत डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 30 मई 2014 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया। इस भूमिका में उन्होंने उरी और पुलवामा हमलों के बाद की कार्रवाई, सर्जिकल स्ट्राइक, और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विचारधारा और दृष्टिकोण: अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक सख्त और दृढ़ दृष्टिकोण रखते हैं। उनकी रणनीतियाँ आक्रामक और निर्णायक होती हैं, जो भारत की सुरक्षा और अखंडता की रक्षा के लिए होती हैं।