बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ (Multipurpose River Valley Projects) उन परियोजनाओं को कहा जाता है जिनमें एक ही नदी के संसाधनों का कई उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इन परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्यों में सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, पेयजल आपूर्ति, मछली पालन और पर्यटन का विकास शामिल होता है।
बहुउद्देशीय परियोजनाओं के प्रमुख उद्देश्य
- सिंचाई: खेती के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- जल विद्युत उत्पादन: नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में जल से बिजली उत्पन्न करना।
- बाढ़ नियंत्रण: नदियों के जलस्तर को नियंत्रित करके बाढ़ से होने वाली हानि को रोकना।
- पेयजल आपूर्ति: शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ पानी की आपूर्ति करना।
- मछली पालन: जलाशयों में मछली पालन को बढ़ावा देना।
- पर्यटन: बाँधों और जलाशयों के आसपास पर्यटन का विकास करना।
बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लाभ
- कृषि उत्पादन में वृद्धि: सिंचाई की सुविधा से किसानों को अधिक उपज प्राप्त होती है।
- स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत: जल विद्युत उत्पादन से नवीकरणीय और प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा प्राप्त होती है।
- बाढ़ नियंत्रण: लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा होती है।
- पेयजल उपलब्धता: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।
- पर्यटन और रोजगार: बाँधों और जलाशयों के आसपास पर्यटन उद्योग विकसित होता है।
चुनौतियाँ और समस्याएँ
- विस्थापन: बड़े बाँधों के कारण हजारों लोगों को उनके घरों से हटाना पड़ता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: जंगलों और जैव विविधता पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- गाद जमा होना: जलाशयों में समय के साथ गाद जमा होने से उनकी क्षमता घटती है।
- लागत अधिक होना: इन परियोजनाओं की स्थापना और रखरखाव बहुत महंगा
भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ
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- भाखड़ा-नंगल परियोजना (सतलज नदी)
- राज्य: पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश
- उद्देश्य: सिंचाई, बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण।
- विशेषता: भाखड़ा बाँध एशिया के सबसे ऊँचे बाँधों में से एक है।
- हीराकुंड परियोजना (महानदी)
- राज्य: ओडिशा
- उद्देश्य: बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, बिजली उत्पादन।
- विशेषता: यह विश्व के सबसे लंबे बाँधों में से एक है।
- नागार्जुन सागर परियोजना (कृष्णा नदी)
- राज्य: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
- उद्देश्य: सिंचाई और बिजली उत्पादन।
- विशेषता: इस परियोजना से लाखों एकड़ भूमि की सिंचाई होती है।
- सरदार सरोवर परियोजना (नर्मदा नदी)
- राज्य: गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
- उद्देश्य: सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और बिजली उत्पादन।
- विशेषता: यह परियोजना कई राज्यों की पानी की जरूरतों को पूरा करती है।
- दामोदर घाटी परियोजना (दामोदर नदी)
- राज्य: पश्चिम बंगाल और झारखंड
- उद्देश्य: बाढ़ नियंत्रण, बिजली उत्पादन और सिंचाई।
- विशेषता: इसे भारत का पहला बहुउद्देशीय परियोजना माना जाता है।
- सतलज नदी
- भाखड़ा.नंगल परियोजना
- स्थान : पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश
- उद्देश्य सिंचाईए जल विद्युत उत्पादनए बाढ़ नियंत्रण
- विशेषरू भाखड़ा बाँध एशिया का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है।
- महानदी
- हीराकुंड बाँध परियोजना
- स्थान ओडिशा
- उद्देश्य बाढ़ नियंत्रणए सिंचाईए बिजली उत्पादन
- विशेष यह विश्व के सबसे लंबे बाँधों में से एक है।
- गंगा नदी
- टिहरी बाँध परियोजना
- स्थान उत्तराखंड
- उद्देश्य जल विद्युत उत्पादनए पेयजल आपूर्तिए सिंचाई
- विशेष यह भारत का सबसे ऊँचा बाँध है।
- कृष्णा नदी
- नागार्जुन सागर बाँध परियोजना
- स्थान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
- उद्देश्य सिंचाई और बिजली उत्पादन
- विशेष यह भारत के सबसे बड़े जलाशयों में से एक है।
- आलमट्टी बाँध
- स्थान कर्नाटक
- उद्देश्य सिंचाई और बिजली उत्पादन।
- गोदावरी नदी
- पोलावरम परियोजना
- स्थान आंध्र प्रदेश
- उद्देश्य सिंचाईए पेयजल आपूर्तिए जल विद्युत उत्पादन।
- चंबल नदी
- गांधी सागर बाँध
- स्थान मध्य प्रदेश
- उद्देश्य सिंचाई और बिजली उत्पादन।
- राणा प्रताप सागर बाँध
- सिंधु नदी
- सिंधु बेसिन परियोजना
- स्थानरू जम्मू.कश्मीर और लद्दाख
- उद्देश्य सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन।
- रिहंद नदी ;सोन की सहायकद्ध
- रिहंद बाँध परियोजना
- स्थान उत्तर प्रदेश
- उद्देश्य बिजली उत्पादन और सिंचाई।
- विशेष यह परियोजना उत्तर भारत के उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण है।
- कावेरी नदी
- मेट्टूर बाँध परियोजना
- स्थान तमिलनाडु
- उद्देश्य सिंचाई और बिजली उत्पादन।
महत्वपूर्ण बिंदु
- भाखड़ा नांगल बाँध का निर्माण सतलज नदी पर हुआ है।
- भाखड़ा नांगल परियोजना हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान की संयुक्त परियोजना है।
- सरदार सरोवर परियोजना से लाभान्वित होने वाले राज्य गुजरात महाराष्ट्र मध्य प्रदेश एवं राजस्थान है।
- दामोदर परियोजना में पश्चिम बंगाल, झारखण्ड राज्य सम्मिलित है।
- सरदार सरोवर बाँध से सर्वाधिक लाभ गुजरात राज्य को है जबकि सबसे कम लाभ मध्य प्रदेश को मिलता है।
- आंेकारेश्वर परियोजना नर्मदा नदी पर स्थित है।
- हीराकुण्ड बाँध ओडिशा राज्य में है।
- भारत का सबसे पुराना जलशक्ति उत्पादन केन्द्र शिवसमुद्रम है।
- त्पोवन और विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजनाएँ उतराखण्ड राज्य में स्थित है।
- नागार्जुन सागर परियोजना कृष्णा नदी पर निर्मित है।
- नागार्जुन सागर परियोजना आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में स्थित है।
- बहुउदेशीय पोलावरम सिंचाई परियोजना ओडिशा छतीसगढ़ आन्ध्र प्रदेश राज्यों के मध्य विवादित हैं
- गॉधी सागर बाँध चम्बल परियोजना का भाग है।
- जवाहर सागर बाँध राजस्थान में स्थित हैं।
- टिहरी बाँध उतराखण्ड में भागीरथी नदी पर निर्मित किया गया है।
- तिलैया मैथॉन एवं बेलपहाडी बाँध बराकर नदी पर निर्मित हैं।
- दामोदर घाटी निगम की स्थापना वर्ष 1948 में हुआ था।
- सतलज नदी पर बनाये गये हिमाचल बाँध का मुख्य उदेश्य भाखड़ा बॉध में आने वाली तलछट मिट्टी को रोकना था।
- भारत में प्रथम जल विद्युत संयंत्र की स्थापना दार्जिलिंग में किया गया था।