देश और उनकी सीमाओं के बारे में जानकारी, विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाओं के बारे में, भूगोल और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आइए कुछ प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाओं के बारे में जानें:
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रेडक्लिफ़ लाइन (Radcliffe Line)
- स्थान: भारत और पाकिस्तान के बीच
- विवरण: यह सीमा रेखा 1947 में भारत के विभाजन के समय खींची गई थी। इसने भारत और पाकिस्तान को विभाजित किया, और पंजाब तथा बंगाल के कुछ हिस्सों को भारत और पाकिस्तान के बीच बांटा।
डूरंड लाइन (Durand Line)
- स्थान: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच
- विवरण: 1893 में खींची गई इस रेखा ने ब्रिटिश भारत और अफगानिस्तान के बीच की सीमा को निर्धारित किया था। आज यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा मानी जाती है।
मैकमोहन लाइन (McMahon Line)
- स्थान: भारत और चीन के बीच
- विवरण: यह रेखा 1914 में ब्रिटिश भारत और तिब्बत के बीच खींची गई थी, जिसे चीन ने कभी मान्यता नहीं दी। यह आज भी भारत और चीन के बीच एक विवादित सीमा है।
हिंडनबर्ग रेखा (Hindenburg Line)
- स्थान: जर्मनी और पश्चिमी यूरोप के बीच
- विवरण: यह रेखा प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के पश्चिमी मोर्चे की अंतिम रक्षा रेखा थी।
मैगिनोट लाइन (Maginot Line)
- स्थान: फ्रांस और जर्मनी के बीच
- विवरण: यह रेखा फ्रांस द्वारा जर्मनी से सुरक्षा के लिए द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बनाई गई एक रक्षात्मक संरचना है।
सिगफ्रीड लाइन (Siegfried Line)
- स्थान: जर्मनी और फ्रांस के बीच
- विवरण: यह रेखा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा बनाई गई थी और फ्रांस के खिलाफ सुरक्षा के लिए थी।
38वीं समानांतर रेखा (38th Parallel)
- स्थान: उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच
- विवरण: यह रेखा कोरियाई प्रायद्वीप को दो हिस्सों में विभाजित करती है और इसे कोरियाई युद्ध के बाद स्थाई सीमा के रूप में अपनाया गया।
ग्रीन लाइन (Green Line)
- स्थान: साइप्रस
- विवरण: यह रेखा साइप्रस को तुर्की साइप्रस और ग्रीक साइप्रस में विभाजित करती है।
17वीं समानांतर रेखा
- स्थान: वियतनाम
- विवरण: 17वीं समानांतर रेखा वह रेखा थी जो उत्तरी वियतनाम और दक्षिणी वियतनाम के बीच अस्थायी सैन्य सीमा के रूप में 1954 के जिनेवा समझौते के तहत स्थापित की गई थी।
- प्रमुख घटना: इस रेखा ने 1954 से 1976 तक वियतनाम को दो भागों में विभाजित किया
मैनरहाइम रेखा
- स्थान: फ़िनलैंड और सोवियत संघ के बीच कारेलियन इस्थमस (Karelian Isthmus) पर
- विवरण: यह रेखा 1920 और 1930 के दशक में फ़िनलैंड द्वारा बनाई गई थी और इसका नाम फ़िनलैंड के मार्शल कार्ल गुस्टाफ एमिल मैनरहाइम (Carl Gustaf Emil Mannerheim) के नाम पर रखा गया था, जो उस समय फ़िनलैंड के प्रमुख सैन्य नेता थे।
- प्रमुख घटना: मैनरहाइम रेखा ने सोवियत संघ के खिलाफ “शीतकालीन युद्ध” (Winter War) के दौरान 1939-1940 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस युद्ध में सोवियत संघ ने फ़िनलैंड पर आक्रमण किया, लेकिन फ़िनिश सेना ने मैनरहाइम रेखा पर कई महीनों तक सोवियत आक्रमण को रोके रखा। हालांकि, सोवियत संघ की भारी संख्या और संसाधनों के कारण अंततः फ़िनलैंड को हार का सामना करना पड़ा और कारेलियन इस्थमस के कुछ हिस्से सोवियत संघ को सौंपने पड़े।
49वीं समानांतर रेखा
- स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच
- विवरण: 49वीं समानांतर रेखा वह अक्षांश रेखा है जो संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच की सीमा के रूप में काम करती है। यह सीमा पश्चिम में प्रशांत महासागर से लेकर पूर्व में मेन के पूर्वी तट तक फैली हुई है।
- प्रमुख घटना: 1818 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन (जिसका कनाडा उस समय हिस्सा था) के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें यह तय किया गया कि 49वीं समानांतर रेखा उत्तरी अमेरिका में दोनों देशों के बीच की सीमा होगी। यह सीमा रेखा पश्चिम में रॉकी पर्वतों से लेकर प्रशांत महासागर तक के क्षेत्र में फैली है।
24वीं समानांतर रेखा
- स्थान: भारत और पाकिस्तान के बीच
- विवरण: 24वीं समानांतर रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित एक अक्षांश रेखा है, जो विशेष रूप से कच्छ के रण (Rann of Kutch) के विवाद के संदर्भ में उल्लेखनीय है।
- प्रमुख घटना: 1965 में, भारत और पाकिस्तान के बीच कच्छ के रण में सीमा विवाद उत्पन्न हुआ था। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसकी सीमा 24वीं समानांतर रेखा तक है, जबकि भारत ने इसे मान्यता नहीं दी। इस विवाद के कारण दोनों देशों के बीच सैन्य झड़पें हुईं।
ओडर-नीसे रेखा
- स्थान: जर्मनी और पोलैंड के बीच
- विवरण: ओडर-नीसे रेखा, ओडर और नीसे नदियों के नाम पर है, जो जर्मनी और पोलैंड के बीच की सीमा को निर्धारित करती हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, इस सीमा रेखा को यूरोपीय देशों द्वारा मान्यता दी गई, जिससे जर्मनी के पूर्वी हिस्से (जो युद्ध से पहले जर्मनी का हिस्सा थे) को पोलैंड को सौंप दिया गया।
- प्रमुख घटना: 1945 के पोट्सडैम सम्मेलन में, मित्र देशों ने निर्णय लिया कि जर्मनी की पूर्वी सीमा ओडर और नीसे नदियों के साथ चलेगी, और इस प्रकार जर्मनी के पूर्वी प्रांत पोलैंड का हिस्सा बनेंगे। इसने पूर्वी प्रूसिया, सिलेसिया और पोमेरेनिया के जर्मन क्षेत्रों को पोलैंड में शामिल कर दिया।
141वीं समानांतर रेखा
- स्थान: अलास्का (संयुक्त राज्य अमेरिका) और युकॉन (कनाडा) के बीच
- विवरण: 141वीं समानांतर रेखा उत्तरी अक्षांश पर एक अक्षांश रेखा है जो अलास्का (जो संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा है) और युकॉन (जो कनाडा का एक क्षेत्र है) के बीच की सीमा को चिन्हित करती है।
- प्रमुख घटना: 1825 में, ब्रिटेन (जिसके अंतर्गत कनाडा आता था) और रूस के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें 141वीं समानांतर रेखा को दोनों क्षेत्रों के बीच की सीमा के रूप में निर्धारित किया गया। जब 1867 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने अलास्का को रूस से खरीदा, तब यह सीमा संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच की सीमा बन गई।
सीगफ्रीड रेखा
- स्थान: जर्मनी के पश्चिमी सीमा पर, विशेष रूप से फ्रांस के साथ सीमा के पास
- विवरण: सीगफ्रीड रेखा एक विशाल किलेबंदी प्रणाली थी, जो 630 किलोमीटर लंबी थी और इसमें 18,000 से अधिक बंकर, टैंक-रोधी बाधाएं, और किलेबंदी शामिल थीं। इसका निर्माण 1936 से 1940 के बीच नाजी जर्मनी द्वारा किया गया था। यह रेखा जर्मनी की पश्चिमी सीमा की रक्षा के लिए बनाई गई थी, विशेष रूप से फ्रांस के संभावित आक्रमण के खिलाफ।
- प्रमुख घटना: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, विशेषकर 1944-45 में, जब मित्र राष्ट्रों (Allied Forces) ने पश्चिमी यूरोप में जर्मनी पर आक्रमण किया, तब सीगफ्रीड रेखा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मित्र राष्ट्रों ने इस रेखा को पार करने के लिए कई महत्वपूर्ण और कठिन लड़ाइयां लड़ीं।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- कैस्पियन सागर अजरबैजान, कजाकिस्तान, तुर्कमेंनिस्तान, ईरान, एवं रूस की सीमा को स्पर्श करता है।
- बांग्लादेश भारत के साथ सबसे लम्बी अंतर्राष्ट्रीय स्थलीय सीमा बनाता है।
- 20 उतरी समानांतर रेखा लीबिया और सूडान के मध्य स्थित है।
- इजराइल की सीमाएँ लेबनान, सीरिया, जार्डन एवं मिस्त्र देशों से स्पर्श करती है।
- दक्षिण-पूर्व एशिया का लाओस देश स्थलरूद्ध है।
- हॉर्न ऑफ अफ्रीका में इरीट्रिया, सोमालिया, इथियोपिया तथा जिबूर्ती देश सम्मिलित है।
- नॉवे, स्वीडन, फिनलैण्ड, आइसलैण्ड एवं डेनमार्क स्कैंडिनेवियन देशों के समूह में सम्मिलित हैं।
- भौगोलिक रूप से उतरी अमेरिका में स्थित होने पर भी ग्रीनलैड राजनीतिक दृष्टि से युरोप का भाग है।
- जिम्बावे को पूर्व में दक्षिणी रोडेशिया के नाम से जाना जाता था।
- रिओ ग्रांडे नदी मैक्सिको एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा का निर्माण करती है।
- विक्टोरिया झील तंजानिया और युगांडा के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारित करती है।
- म्यांमार को पूर्व में बर्मा के नाम से जाना जाता है।