ध्वनि एक प्रकार की यांत्रिक तरंग (mechanical wave) है जो माध्यम (जैसे वायु, जल, या ठोस पदार्थ) में कणों के दोलन (oscillation) के कारण उत्पन्न होती है। यह तरंगें अनुदैर्ध्य होती हैं, जिसमें कणों का कंपन तरंग के संचरण की दिशा में होता है।
ध्वनि के प्रकार
ध्वनि को उसके गुणों और उपयोग के आधार पर कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। यहां कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:
1. श्रव्य ध्वनि (Audible Sound)
- परिभाषा: यह वह ध्वनि है जिसे मनुष्य सुन सकता है। इसकी आवृत्ति 20 हर्ट्ज़ (Hz) से 20,000 हर्ट्ज़ (20 kHz) के बीच होती है।
- उदाहरण:
- बातचीत की आवाज़
- संगीत
- वाहन का हॉर्न
2. अश्रव्य ध्वनि (Inaudible Sound)
- यह ध्वनि की दो श्रेणियों में विभाजित होती है:
(i) अल्पश्रव्य ध्वनि (Infrasonic Sound)
- परिभाषा: यह वह ध्वनि है जिसकी आवृत्ति 20 हर्ट्ज़ से कम होती है, और मनुष्य इसे सुन नहीं सकता।
- उदाहरण:
- भूकंप के दौरान उत्पन्न होने वाली तरंगें
- हाथी की कम आवृत्ति वाली आवाज़, जिसे मनुष्य नहीं सुन सकते
(ii) अतिश्रव्य ध्वनि (Ultrasonic Sound)
- परिभाषा: यह वह ध्वनि है जिसकी आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक होती है, और मनुष्य इसे सुन नहीं सकते।
- उदाहरण:
- चमगादड़ द्वारा उत्पन्न ध्वनि
- सोनार सिस्टम में उपयोग की जाने वाली ध्वनि
- चिकित्सा में अल्ट्रासाउंड जांच
3. संगीतमय ध्वनि (Musical Sound)
- परिभाषा: यह वह ध्वनि है जो नियमित और सुरीली होती है और संगीत के रूप में आनंददायक होती है।
- उदाहरण:
- पियानो या गिटार की ध्वनि
- गायक की मधुर आवाज़
4. कर्कश ध्वनि (Noise)
- परिभाषा: यह वह ध्वनि है जो अनियमित और अप्रिय होती है।
- उदाहरण:
- ट्रैफिक का शोर
- निर्माण स्थल की ध्वनि
- खराब स्पीकर से उत्पन्न ध्वनि
5. प्रतिध्वनि (Echo)
- परिभाषा: यह ध्वनि की वह प्रकार है जो किसी सतह से परावर्तित होकर वापस लौटती है और थोड़ी देर बाद सुनाई देती है।
- उदाहरण:
- पहाड़ी क्षेत्रों में चिल्लाने पर अपनी आवाज़ का लौटकर आना
- खाली कमरे में तेज आवाज़ करने पर गूंज सुनाई देना
ध्वनि के कुछ महत्वपूर्ण गुण:
- आवृत्ति (Frequency): ध्वनि तरंग की आवृत्ति यह निर्धारित करती है कि ध्वनि कितनी ऊँची या नीची (pitch) होगी।
- आमplitude (Amplitude): यह ध्वनि की तीव्रता या जोर को दर्शाता है।
- गति (Speed): माध्यम के अनुसार ध्वनि की गति बदलती है, जैसे वायु में लगभग 343 मीटर/सेकंड की गति से चलती है।
- गुण (Quality): ध्वनि का गुण या स्वर हमें विभिन्न ध्वनियों के बीच अंतर करने में सक्षम बनाता है, जैसे कि दो अलग-अलग वाद्ययंत्रों से उत्पन्न ध्वनियों के बीच।
ध्वनि उत्पन्न होने के कारण
ध्वनि तब उत्पन्न होती है जब कोई वस्तु कंपन करती है। यह कंपन माध्यम के कणों को संपीड़न और विरलन के रूप में तरंगों के रूप में संचारित करता है। इस प्रक्रिया के कारण ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं।
उदाहरण:
- जब गिटार के तार को झटका दिया जाता है, तो तार कंपन करने लगता है, और यह कंपन हवा में ध्वनि तरंगों के रूप में फैलता है।
- तबला, ढोलक, या किसी अन्य वाद्ययंत्र को बजाने पर ध्वनि उत्पन्न होती है क्योंकि उसकी सतह कंपन करती है।
ध्वनि के लक्षण
ध्वनि के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- आवृत्ति (Frequency):
- यह ध्वनि की तीव्रता (pitch) को निर्धारित करती है।
- उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि को उच्च स्वर (high pitch) और निम्न आवृत्ति वाली ध्वनि को निम्न स्वर (low pitch) कहते हैं।
- आमplitude (Amplitude):
- यह ध्वनि की तीव्रता या जोर को दर्शाता है।
- अधिक अम्प्लीट्यूड वाली ध्वनि जोरदार होती है, जबकि कम अम्प्लीट्यूड वाली ध्वनि मंद होती है।
- गति (Speed):
- ध्वनि की गति माध्यम के आधार पर भिन्न होती है।
- सामान्य तापमान और दाब पर हवा में ध्वनि की गति लगभग 343 मीटर/सेकंड होती है।
- गुण (Quality/Timbre):
- यह ध्वनि की वह विशेषता है जो हमें विभिन्न ध्वनियों के बीच अंतर करने में सक्षम बनाती है।
- यह किसी व्यक्ति की आवाज़, वाद्ययंत्र की ध्वनि, या अन्य ध्वनियों की विशिष्टता को निर्धारित करता है।
ध्वनि के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु –
- पराध्वनिक जेट से वायुमण्डल मे ओजोन परत को क्षति पहुँचती है।
- ध्वनि की तीव्रता मापने मे डेसीबल इकाई का प्रयोग किया जाता है।
- ध्वनि के स्त्रोत व परावर्तित सतह के मध्य न्युनतम दूरी 16.5 मीटर होनी चाहिए जिससे कि प्रति ध्वनि स्पष्ट रूप से सुनाई दे सके।
- वायु में ध्वनि का वेग 343 मी. सेकेण्ड होता है
- अनुरणन के कारण सिनेमा घरों बडे़ सभागरों आदि में ध्वनि स्त्रोत बंद होने के बाद कुछ देर तक ध्वनि सुनाई देती हैं
- चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं होने के कारण चन्द्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति, एक दुसरे की बात नहीं सुन सकते हैं,
- वह जैव पद्धति जिसमें पराश्रव्य ध्वनि का प्रयोग किया जात है उसे सोनोग्राफी कहते है।
- विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार 45कइ की तीव्रता ध्वनि मानव के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
- चमगादड़ अंधेरी रातों में उड़ सकते है और अपना शिकार भी कर सकते है इसका कारण – वे पराध्वनि तंरगें उत्पन्न करते हैं और उन्हीं के द्वारा निर्देंशित होते है।
- टी.वी. रिमोट में अवरक्त तरंगो का प्रयोग किया जाता है।
- टेलीविजन ग्राही के दूरस्थ नियन्त्रण में अवरक्त विकिरण विद्युत चुम्बकीय विकिरण प्रयोग किया जाता है।
- जब सितार और बाँसुरी पर एक ही स्वर बजाया जाए, तो उनसे उत्पन्न ध्वनि का भेद ध्वनि गुणता के आधार पर किया जाता है।
- जल, लोहा व नाइट्रोजन में ध्वनि के वेगों का आरोही क्रम क्रमश:
- नाइट्रोजन जल लोहा ।।
- ध्वनि की चाल ठोस माध्यम में सर्वाधिक द्रव माध्यम में उससे कम तथा गौसीय माध्यम में सबसे कम होती है।
- तापमान के घटने से ध्वनि का वेग घटता है
- ध्वनि निर्वात से होकर नहीं गुजर सकती है।
- ध्वनि तरंगे ठोस तथा गैस दोनों माध्यमों में गमन कर सकती है तथा धातु में ध्वनि का वेग सबसे अधिक होता है।
- स्टेथोस्कोप ध्वनि के परार्वतन के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
- महिलाओं की आवाज पुरूषों की अपेक्षा तीक्ष्ण होती है क्योंकि महिलाओं की आवाज का तारत्व अधिक होता है।
- एकॉस्टिक्स में ध्वनि का अध्ययन किया जाता हैं ।
- ध्वनि तरंगांे में ध्रुवण सी घटना नहीं हो सकती है।
- ध्वनि का तारत्व आवृति पर निर्भर करता है।
- प्रतिध्वनि का कारण ध्वनि तरंगों का परावर्तन होता है।
- पराश्रव्य तरंगों की आवृति लगभग 20,000 हर्ट्ज यसे अधिक होता है।
- मानव द्वारा श्रव्य तरंगों की आवृति 20 से 20000 हर्ट्ज तक होता है।
- पराश्रव्य ध्वनि तरंगें कुतों एवं डॉफिन मछली द्वारा सुनी जा सकती है।
- ध्वनि ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा मे परिवर्तन माइक्रोफोन द्वारा किया जाता हैं।
ध्वनि स्त्रोत | तीव्रता (डेसीबल में ) |
साधानण बातचीत | 30-40 db |
तेज बातचीत | 50 60 db |
तेज संगीत, शोर | 80 से अधिक |
पेड़ के पतों की सरसराहट | 10-20 db |
सायरन (पुलिस, एम्बुलेंस) | 110-120 db |
जेट विमान | 140 150 db |
औद्योगिक यंत्र संयंत्र कारखाने | 100- 120 db |
विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल (25°C पर)
पदार्थ | चाल (m/s) |
एल्युमिनियम | 6520 |
स्टील | 5960 |
लोहा | 5950 |
जल | 1402 |
वायु | 332 |
ऑक्सीजन | 316 |
हाइड्रोजन | 1286 |
समुद्री जल | 1533 |
सामान्य जल | 1493 |
कॉच | 3980 |