विज्ञान (Science): साईंस शब्द की उत्पति लैटिन शब्द सिंटिया से हुई है, जिसका अर्थ है ज्ञान या जानना अर्थात् हमारे इस भौतिक जगत में जो कुछ भी घटित हो रहा है, उसका क्रमबद्ध या, व्यवस्थित ज्ञा नही ‘विज्ञान’ कहलाता है।
विज्ञान की दो मुख्य शाखएं हैं- प्राकृतिक विज्ञान(Natural Science) तथा भौतिकीय विज्ञान Physical Science) प्राकृतिक विज्ञान के दो मुख्य भाग हैं- वनस्पति विज्ञान (Botany) तथा जन्तु विज्ञान (Zoology) । भौतिकीय विज्ञान के भी दो मुख्य भाग हैं- भौतिकी (Physics) तथा रसायन विज्ञान (Chemistry) ।
भौतिकी: भौतिकी, विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत द्रव्य तथा उर्जा और उनकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
अध्ययन की सुविधा के लिए भौतिकी को आठ भागों में बांटा जाता है-
1 यांत्रिकी (Mechanics)
2 ध्वनि (Sound)
3 ऊष्मा (Heat)
4 प्रकाश (Light)
5 विद्युत् Electricity)
6 चुम्बकत्व (megnetism)
7 आधुनिक एवं परमाणु भौतिकी (Modern and Atomic Physics)
8 इलेक्ट्रॉनिकी (Electronics)
यांत्रिकी
मापन
राशि (Quantity)- जिसे संख्या के रूप् में प्रकट किया जा सके, उसे राशि कहते है। जैसे – जनसंख्या, आयु वस्तु का भार, मेज की लम्बाई आदि।
भौतिक राशियां (Physical Quantities)- भौतिकी के नियमों को जिन्हें राशियों के पदों में व्यक्त किया जाता है, उन्हें भौतिक राशियां कहते है- जैसे – वस्तु का द्रव्यमान, लम्बाई, बल, चाल, दुरी, विद्युत् धारा, घनत्व आदि।
भौतिक राशियां दो प्रकार की होती हैं- अदिश और सदिश।
- अदिश- वैसी भातिक राशियां जिनमें केवल परिणाम होता है, दिशा नहीं होती, उन्हें अदिश कहा जाता है जैसे – द्रव्यमान, घनत्व, तापमान, विद्युत् धारा, समय, चाल, आयतन, कार्य आदि।
- सदिश – वैसी भौतिक राशियां, जिनमें परिमाण के साथ-साथ दिशाएं भी होती हैं और जो योग के निश्चित नियमों के अनुसार जोड़ी जाती हैं, उन्हें सदिश कहा जाता है जैसे वेग, विस्थापन, बल, रेखीय, संवेग, कोणीय जोडी कोणीय वेग, त्वरण बल आघूण, चुम्बकीय क्षेत्र प्रेरण, चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता, चुम्बकीय आघूर्ण विद्युत् तीव्रता, विद्युत् धारा घनत्व, विद्युत् ध्रुव आघूर्ण, विद्युत् धु्रवण, चाल प्रवणता, ताप प्रवणता आदि।
- माप के मात्रक या इकाई (Units of measurement) – किसी राशि के मापन के निर्देश मानक को मात्रक कहते हैं अर्थात् किसी भी राशि की माप करने के लिय उसी राशि के एक निश्चित परिमाण को मानक मान लिया जाता है और उसे कोई नाम दे दिया जाता है। इसी को उस राशि का मात्रक कहते है । किसी दी हुई राशि की उसके मात्रक से तुलना करने की क्रिया का मापन कहते है।
- मात्रक दो प्रकार होते हैं- मूल मात्रक व्युत्पन्न मात्रक।
- मूल मात्रक या इकाई – किसी भौतिक राशि को व्यक्त करने के लिए कुछ ऐसे मानको ं का प्रयोग किया जाता है, जो अन्य मानको से स्वतंत्र होते है, इन्हें मूल मात्रक कहते है जैसे लम्बाई, समय और द्रव्यमान के मात्रक क्रमश मीटर, सेकेण्ड एवं किलोग्राम मूल इकाई है।
- व्युत्पन्न मात्रक या इकाई – किसी भौतिक राशि को जब दो या दो से अधिक मूल इकाइयों में व्यक्त किया जाता है, तो उसे व्युत्पन्न इकाई कहते है जैसे बल, दाब, कार्य या विभव के लिए क्रमश न्यूटन, पास्कल, जूल, एवं वोल्ट व्युत्पन्न मात्रक है।
मात्रक पद्धतियां (System of Units)- भौतिक राशियों के मापन के लिए निन्नलिखित चार पद्धतियां प्रचलित है-
CGS पद्धति (Centimetre Gram Second System) – इस पद्धति में लम्बाई, द्रव्यमान तथा समय के मात्रक क्रमशः सेंटीमीटर, ग्राम, और सेकण्ड होते है। इसलिए इसे Centimetre Gram Second or CGS पद्धति कहते है। इसे फेंच या मीट्रिक पद्धति भी कहते है।
FPS पद्धति : (Foot Pound, Second System): इस पद्धति मे लम्बाई, द्रव्यमान तथ समय के मात्रक क्रमशं फुट, पाउण्ड, और सेकण्ड होते है। इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहते हैं।
MKS पद्धति :(Meter Kilogram Second System) इस पद्धति में लम्बाई, द्रव्यमान और समय के मात्रक क्रमश: मीटर, किलोग्राम और सेकण्ड होते है।
अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक पद्धति :(System International: S.I Units): 1960 ई॰ में अन्तर्राष्ट्रीय माप-तौल के अधिवेशन में SI को स्वीकार किया गया जिसका पूरा नाम de Systeme International d’ Units है। वास्तव में, यह प्रद्धति MKS प्रद्धति का ही संशोधित एवं परिवर्द्धित रूप है। आजकल इसी पद्धति का प्रयोग किया जाता है। इस पद्धति में सात मूल मात्रक तथा दो सम्पूरक मात्रक हैं।
SI Unit के सात मूल मात्रक निम्न्लिखित है-
1 लम्बाई (Lenght): का मूल मात्रक मीटर ;(Metre): SI में लम्बाई का मूल मात्रक मीटर (Metre) है। 1 मीटर वह दूरी है जिसे प्रकाश निर्वात् में 1/299792458 सेकण्ड में तय करता है।
2 द्रव्यमान(Mass) द्रव्यमान का मूल मात्रक किलोग्राम (Kilogram): फ्रांस के सेवरिस नामक स्थान पर माप-तौल के अन्तर्राष्ट्रीय माप तौल ब्यूरो (International Bureau of Weight and Measurement- IBWM) में सुरक्षित रखे प्लेटिनम.इरीडियम मिश्रधातु के बने हुए बेलन के द्रव्यमान को मानक किलोग्राम कहते हैं। इसे संकेत में कि किलोग्राम (kg) लिखते हैं।
3 समय (Time) का मूल मात्रक सेकण्ड (Second) : सीजियम.133 परमाणु की मूल अवस्था के दो निश्चित ऊर्जा स्तरों (Hyperfine levels) के बीच संक्रमण ((Transition) से उत्पन्न विकिरण के 9192631770 आवर्तकालों की अवधि को 1 सेकण्ड कहते हैं। आइंस्टीन ने अपने प्रसिद्ध श्सापेक्षता का सिद्धांतश्(Theory of Relativity) में समय को चतुर्थ विमा (Fourth Dimension) के रूप में प्रयुक्त किया है।
4.विद्युत प्रवाह (Electric Current) का मूल मात्रक एम्पेयर(Ampere) : यदि दो लम्बे और पतले तारों को निर्वात् में 1 मीटर की दूरी पर एक.दूसरे के समानान्तर रखा जाए और उनमें ऐसे परिमाण की समान विद्युत् धारा प्रवाहित की जाए जिससे तारों के बीच प्रति मीटर लम्बाई में 2 × 10.7 न्यूटन का बल लगने लगे तो विद्युत् धारा के उस परिमाण को 1 ऐम्पियर कहा जाता है। इसका प्रतीक A है।
5 ताप (Temperature) का मूल मात्रक केल्विन (Kelvin): जल के त्रिक बिन्दु(Triple point) के ऊष्मागतिक ताप के 1/273.16 वें भाग को केल्विन कहते हैं। इसका प्रतीक K होता है।
6 ज्योति.तीव्रता(Luminous Intensity) का मूल मात्रक कैन्डेला (Candela) : किसी निश्चित दिशा में किसी प्रकाश स्रोत की ज्योति तीव्रता 1 कैण्डेला तब कही जाती है जब यह स्रोत उस दिशा में 540 × 1012 हर्ट्ज का तथा 1/683 वाट / स्टेरेडियन तीव्रता का एकवर्षीय(monochromatic) प्रकाश उत्सर्जित करता है।
यदि घन कोण के अन्दर प्रति सेकण्ड 1 जूल प्रकाश ऊर्जा उत्सर्जित हो तो उसे 1 वाट / स्टेरेडियन कहते हैं।
7 पदार्थ की मात्रा(Amount of Substance) का मूल मात्रक मोल (Mole) : एक मोल पदार्थ की वह मात्रा है जिसमें उसके अवयवी तत्वों (परमाणु अणु,….. आदि) की संख्या 6.023 × 10^23 होती है। इस संख्या को ऐवोगाड्रो नियतांक (Avogadro’s Constant) कहते हैं।
नोट :- मोल पदार्थ के परिमाण का मात्रक है यह द्रव्यमान का मात्रक नहीं है।
SI के दो सम्पूरक मात्रक(Supplementary Units) हैं 1. रेडियन 2. स्टेरेडियन
- रेडियन (Radian) : किसी वृत्त की त्रिज्या के बराबर लम्बाई के चाप द्वारा उसके केन्द्र पर बनाया गया कोण एक रेडियन होता है। इस मात्रक का प्रयोग समतल पर बने कोणों (Plane angle) को मापने के लिए किया जाता है।
- स्टेरेडियन (Steradian) किसी गोले की सतह पर उसकी त्रिज्या के बराबर भुजा वाले वर्गाकार क्षेत्रफल द्वारा गोले के केन्द्र पर बनाए गए घन कोण को 1 स्टेरेडियन कहते हैं। यह ठोसीय कोणों(Solid angles) को मापने का मात्रक है।