राजभाषा (Official Language ) वह भाषा होती है जिसे किसी देश की सरकार औपचारिक रूप से प्रशासनिक, विधायी, न्यायिक और अन्य सरकारी कार्यों में प्रयोग करने के लिए मान्यता देती है। भारत में, हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया है, और अंग्रेज़ी सहायक भाषा के रूप में प्रयोग में आती है। राजभाषा क्या है – परिभाषा, अनुच्छेद और कार्य || What is Official Language – Definition, Articles and Functions

अनुच्छेद (Article/Paragraph):
राजभाषा का महत्व किसी भी देश के प्रशासन, संस्कृति और एकता के लिए अत्यधिक होता है। भारत एक बहुभाषी देश है, जहाँ सैकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ बोली जाती हैं। इसलिए, संविधान में एक ऐसी भाषा की आवश्यकता महसूस की गई जो पूरे देश में प्रशासनिक कार्यों को सरल और समान बना सके। भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की राजभाषा घोषित किया गया है। साथ ही, अंग्रेज़ी को एक निश्चित अवधि तक सहायक भाषा के रूप में प्रयोग करने की व्यवस्था की गई थी, जो आज भी विभिन्न कार्यों में प्रचलित है।
राजभाषा के मुख्य कार्य (Functions of Rajbhasha):
- प्रशासनिक कार्य:
सरकार के विभिन्न विभागों में फाइलों, पत्राचार, नोटिस, आदेश आदि हिंदी में तैयार किए जाते हैं। - विधायी कार्य:
संसद में विधेयकों, अधिनियमों और अन्य दस्तावेजों को हिंदी में प्रस्तुत किया जाता है। - न्यायिक कार्य:
उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में भी हिंदी को न्यायिक भाषा के रूप में बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। - जनसंपर्क माध्यम:
सरकारी योजनाओं, विज्ञापनों, घोषणाओं आदि को जनसाधारण तक पहुँचाने के लिए हिंदी का प्रयोग किया जाता है। - शिक्षा एवं प्रशिक्षण:
सरकारी कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी में काम करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
✅ संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित 22 भाषाएँ:
- असमिया (Assamese)
- बांग्ला (Bengali)
- बोडो (Bodo)
- डोगरी (Dogri)
- गुजराती (Gujarati)
- हिंदी (Hindi)
- कन्नड़ (Kannada)
- काश्मीरी (Kashmiri)
- कोकणी (Konkani)
- मैथिली (Maithili)
- मलयालम (Malayalam)
- मणिपुरी (Manipuri)
- मराठी (Marathi)
- नेपाली (Nepali)
- उड़िया (Odia)
- पंजाबी (Punjabi)
- संस्कृत (Sanskrit)
- संथाली (Santali)
- सिंधी (Sindhi)
- तमिल (Tamil)
- तेलुगु (Telugu)
- उर्दू (Urdu)
✅ भारत की शास्त्रीय भाषाएँ (Classical Languages of India):
भारत सरकार ने निम्नलिखित 6 भाषाओं को उनके समृद्ध साहित्य, प्राचीनता और सांस्कृतिक योगदान के आधार पर शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया है:
क्रमांक | भाषा | शास्त्रीय दर्जा प्राप्त वर्ष |
---|---|---|
1. | तमिल (Tamil) | 2004 |
2. | संस्कृत (Sanskrit) | 2005 |
3. | कन्नड़ (Kannada) | 2008 |
4. | तेलुगु (Telugu) | 2008 |
5. | मलयालम (Malayalam) | 2013 |
6. | उड़िया (Odia) | 2014 |
🏛 राजभाषा से संबंधित संविधान के प्रमुख अनुच्छेद:
✅ अनुच्छेद 343 (Article 343):
- भारत की राजभाषा हिंदी होगी, और यह देवनागरी लिपि में लिखी जाएगी।
- अंकों के लिए अंतरराष्ट्रीय अंक पद्धति का प्रयोग होगा।
- प्रारंभ में 15 वर्षों तक (यानी 1965 तक), अंग्रेज़ी का प्रयोग भी सरकारी कार्यों में किया जाएगा।
✅ अनुच्छेद 344 (Article 344):
- राजभाषा और संचार में प्रयुक्त भाषाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक राजभाषा आयोग (Official Language Commission) के गठन का प्रावधान।
✅ अनुच्छेद 345 (Article 345):
- राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपनी राज्य की राजभाषा को चुन सकते हैं।
✅ अनुच्छेद 346 (Article 346):
- एक राज्य और केंद्र सरकार के बीच अथवा दो राज्यों के बीच संचार की भाषा हिंदी या अंग्रेज़ी होगी, जब तक कि वे आपसी सहमति से कोई और भाषा न अपनाएं।
✅ अनुच्छेद 347 (Article 347):
- यदि किसी राज्य की आबादी का कोई पर्याप्त हिस्सा यह माँग करता है कि उसकी भाषा को राज्य की एक भाषा के रूप में मान्यता दी जाए, तो राष्ट्रपति यह अनुमति दे सकते हैं।
✅ अनुच्छेद 348 (Article 348):
- उच्च न्यायालयों, सुप्रीम कोर्ट और विधायी प्रक्रिया में अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग तब तक किया जाएगा, जब तक संसद द्वारा अन्यथा व्यवस्था न की जाए।
✅ अनुच्छेद 349 (Article 349):
- भाषा से सम्बंधित कुछ नियम अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया।
विशेष विनिर्देश
- 350 शिकायत निवारण के लिए प्रयुक्त भाषा
- 350 ए प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षण के लिए सुविधाएँ
- 350 बी भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए विशेष पदाधिकारी
- 351 हिन्दी भाषा के विकास के लिए विनिर्देश
✅ अनुच्छेद 351 (Article 351):
- केंद्र सरकार का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करे और उसे भारत की अन्य भाषाओं के साथ समृद्ध बनाए।
✅ राजभाषा से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 344 के अन्तर्गत प्रथम राजभाषा आयोग का गठन वर्ष 1955 में, बी जी खेर की अध्यक्षता में
- आठवीं अनुसूची में वर्ष 2003 चार भाषाएँ 92वें संविधान संशोधन द्वारा जोडा गया जिससे उनकी संख्या बढ़कर 22 हो गई।
- संविधान के अनुच्छेद 350 क में प्रत्येक राज्य में भाषायी अल्पसंखयक वर्ग के बच्चों को उनकी मातृभाषा में प्राथमिक स्तर पर शिक्षा उपलब्ध कराने की व्यवस्था है।
- मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची के अंतर्गत वर्ष 2003 में शामिल किया गया।
- 71वें संविधान संशोधन द्वारा वर्ष 1992 में से संविधान की आठवीं अनुसूची में नेपाली, कोंकणी एवं मणिपुरी भाषाएँ जोडी गईं।
- उतराखण्ड की द्वितीय राजभाषा संस्कृत है।
- राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरुपति (आंध्र प्रदेश) में है।
- वर्ष 1957 में प्रथम राजभाषा संयुक्त समिति पंडित गोविन्द बल्लभ पंत की अध्यक्षता में गठित की गई थी।
- भारत की राजकीय भाषा सम्बंधी प्रावधान का संशोधन संसद में कम से कम 2/3 बहुमत से हो सकता है।
- सिन्धी भाषा को आठवी अनुसूची में 21वां संविधान संशोधन 1967 में किया गया था।
- संवधिान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं में से बंगाल दूसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है।
- बोडो, डोगरी मैथिली और संथाली चार राजभाओं को 92वें संविधान संशोधन, 2003 द्वारा जोड़ा गया था।
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