विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 || World Happiness Report 2025

विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 हाल ही में जारी की गई है, जिसमें वैश्विक स्तर पर खुशहाली के मानकों का विश्लेषण किया गया है। इस वर्ष की रिपोर्ट में ‘देखभाल और साझा करने’ के प्रभाव पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो लोगों की खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ​(World Happiness Report 2025)
विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025

शीर्ष 10 सबसे खुशहाल देश:

  1. फिनलैंड
  2. डेनमार्क
  3. आइसलैंड
  4. स्वीडन
  5. नीदरलैंड्स
  6. कोस्टा रिका
  7. नॉर्वे
  8. इज़राइल
  9. लक्ज़मबर्ग
  10. मेक्सिको

फिनलैंड लगातार आठवीं बार सबसे खुशहाल देश के रूप में शीर्ष स्थान पर है।

भारत की स्थिति:

भारत ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, पिछले वर्ष के 126वें स्थान से इस वर्ष 118वें स्थान पर पहुंचा है। भारत का खुशी स्कोर 4.054 से बढ़कर 4.389 हो गया है। हालांकि, पाकिस्तान का स्कोर 4.657 से बढ़कर 4.768 हो गया है, जिससे वह 109वें स्थान पर है, जो भारत से ऊपर है।

मुख्य निष्कर्ष:

  • सामाजिक संबंध: दूसरों के प्रति दयालुता और सामाजिक संबंधों का लोगों की खुशहाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • भोजन साझा करना: साथ में भोजन करना खुशहाली को बढ़ाता है, लेकिन अमेरिका में अकेले भोजन करने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। ​
  • परिवार का आकार: बड़े परिवार या एक साथ रहने वाले लोगों की संख्या खुशहाली से जुड़ी है। उदाहरण के लिए, मेक्सिको में बड़े परिवारों का चलन है, जो उनकी खुशहाली में योगदान देता है। ​

यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर खुशहाली के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है और यह दिखाती है कि सामाजिक संबंध, दयालुता, और साझा करने जैसे कारक लोगों की समग्र खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मुख्य कारक जिन पर विचार किया गया

विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 में कई प्रमुख कारकों को ध्यान में रखा गया है, जिनके आधार पर देशों की रैंकिंग तय की जाती है। ये कारक जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक स्थिरता और सामाजिक जुड़ाव से जुड़े होते हैं।

मुख्य कारक:

  1. जीडीपी (प्रति व्यक्ति आय) – आर्थिक संपन्नता खुशहाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अधिक आय वाले देशों के लोग आमतौर पर अधिक खुश होते हैं।
  2. सामाजिक सहयोग और समर्थन – जब लोग जरूरत के समय परिवार, दोस्त और सरकार से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं, तो वे अधिक खुश महसूस करते हैं।
  3. जीवन प्रत्याशा (स्वस्थ जीवन) – अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं और लंबी उम्र का लोगों की खुशहाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  4. स्वतंत्रता (जीवन के फैसले लेने की आज़ादी) – लोग जितना अधिक स्वतंत्र महसूस करते हैं, उनकी खुशी का स्तर उतना ही ऊंचा होता है।
  5. उदारता और परोपकारिता – दान करने और दूसरों की मदद करने से मानसिक संतोष बढ़ता है और समाज में खुशहाली बढ़ती है।
  6. भ्रष्टाचार का स्तर – जिन देशों में भ्रष्टाचार कम होता है, वहां लोग सरकार और समाज में अधिक विश्वास रखते हैं, जिससे उनका खुशी स्तर बढ़ता है।
  7. मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य – तनाव, चिंता और अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य कारकों का सीधा प्रभाव खुशहाली पर पड़ता है।
  8. समुदाय और पारिवारिक समर्थन – जिन देशों में सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं और पारिवारिक सहयोग अधिक होता है, वहां खुशहाली अधिक पाई जाती है।
  9. पर्यावरण और जीवन की गुणवत्ता – स्वच्छ हवा, हरियाली, और संतुलित जलवायु खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  10. सुरक्षा और स्थिरता – युद्ध, हिंसा, और असुरक्षा से ग्रस्त देशों में खुशहाली कम होती है, जबकि सुरक्षित और स्थिर देशों में लोग अधिक खुश रहते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness)

अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2012 में घोषित किया था, और 2013 से इसे आधिकारिक रूप से मनाया जा रहा है।

इस दिन का उद्देश्य:

  • वैश्विक स्तर पर खुशहाली और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।
  • आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक और भावनात्मक भलाई को भी महत्व देना।
  • यह स्वीकार करना कि खुशी मानव अधिकारों और सामाजिक प्रगति का एक मौलिक लक्ष्य है

थीम 2025:

हर साल इस दिन के लिए एक विशेष थीम तय की जाती है।
2025 की थीम: “Sharing Happiness: Building a Kinder World” (खुशियां बांटें: एक दयालु दुनिया बनाएं)

खुशी के 3 प्रमुख स्तंभ:

संयुक्त राष्ट्र ने खुशी को बढ़ाने के लिए तीन मुख्य स्तंभ बताए हैं—

  1. आर्थिक विकास (Economic Growth) – समृद्धि और स्थिर आय का होना।
  2. सामाजिक समरसता (Social Inclusion) – समाज में समानता और सद्भाव।
  3. पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability) – स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण।

कैसे मनाया जाता है?

  • सकारात्मकता फैलाना – दोस्ती, दयालुता और सहायता के कार्य करना।
  • खुद की और दूसरों की भलाई पर ध्यान देना – मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना।
  • विश्व खुशहाली रिपोर्ट जारी करना – इस दिन World Happiness Report भी प्रकाशित की जाती है।
  • सामाजिक और सामुदायिक गतिविधियां – खुशी बढ़ाने वाले कार्यक्रमों का आयोजन।

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