मिज़ोरम का इतिहास और राजव्यवस्था -मुख्यमंत्री – गवर्नर – भौगोलिक स्थिति-कुछ महत्वपूर्ण बिंदु || History of Mizoram- Chief Minister – Governor – Geographical Location – Some Important Points

  • राजधानी: अइज़ोल
  • मुख्यमंत्री– लालदुहोमा
  • गवर्नर – हरिबाबू कंभमपति
  • लोकसभा सीटें – 01
  • राज्यसभा सीटें – 01
  • विधानसभा सीटें – 40
  • जिलें – 11
  • आधिकारिक भाषा:
  • स्थापना: 20 फ़रवरी 1987
  • साक्षरता दर: 91.33%
  • त्योहार: मिम कुट, चपचार कुट
  • राजकीय पशु – सीरो (Serow)
  • राजकीय पक्षी – धारीदार पूँछ वाला तीतर या ह्यूम तीतर 
  •  क्षेत्रफल – 21,081 वर्ग किलोमीटर
  • राजकीय फूल – रेड वांडा
  • लिंगानुपात – 976
  • राजकीय नृत्य खल्लम, चैलम, चावंग्लाइज़ोन, छेइहलम, थंगलाम, ज़ंगालम और चेराव
  • उच्च न्यायालय : गुवाहाटी
  • वन एवं राष्ट्रीय उद्यान :
  • पड़ोसी राज्य : असम, त्रिपुरा, मणिपुर
  • प्रमुख नदियाँ: तुइरियाल और तुइवाल
  • प्रसिद्ध स्थान: फौंगपुई नेशनल पार्क: चम्फाई: लुंगलेई:

मिज़ोरम का इतिहास

मिज़ोरम का इतिहास आदिवासी समूहों के आपसी संघर्ष और सांस्कृतिक विकास से भरा हुआ है। इसका नाम “मिज़ो” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है “पहाड़ों के लोग”। मिज़ोरम के मूल निवासी मिज़ो जनजातियाँ हैं, जिनमें लुशाई, ह्मार, राल्ते, और पावी जैसी उप-जनजातियाँ शामिल हैं।

  1. प्राचीन इतिहास: मिज़ो जनजातियाँ कई शताब्दियों पहले चीन और बर्मा (म्यांमार) से यहां आईं। इन जनजातियों का प्रमुख आजीविका साधन खेती था, खासकर झूम खेती। वे लंबे समय तक बाहरी दुनिया से कटे हुए रहे और अपने ही समाज में विकास करते रहे।
  2. ब्रिटिश शासनकाल: 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने मिज़ोरम को अपने प्रशासनिक क्षेत्र में शामिल किया। मिज़ोरम में ब्रिटिश प्रभाव के साथ ही ईसाई धर्म का प्रसार हुआ। 1895 में मिज़ोरम को असम के अधीन एक जिला बना दिया गया।
  3. स्वतंत्रता संग्राम और मिज़ो विद्रोह: 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद मिज़ोरम को असम का एक हिस्सा बना दिया गया, लेकिन मिज़ो लोगों के बीच असंतोष था। 1966 में मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF) ने विद्रोह किया और मिज़ोरम की स्वतंत्रता की मांग की। 1986 में भारत सरकार और MNF के बीच समझौता हुआ और मिज़ोरम को 1987 में एक पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।

मिज़ोरम की राजव्यवस्था

मिज़ोरम भारतीय संविधान के अंतर्गत एक पूर्ण राज्य है। इसकी राजनीतिक व्यवस्था निम्नलिखित प्रमुख तत्वों पर आधारित है:

  1. राज्यपाल (Governor): मिज़ोरम के राज्यपाल को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, लेकिन वास्तविक शक्ति मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के पास होती है।
  2. मुख्यमंत्री (Chief Minister): मुख्यमंत्री राज्य का कार्यकारी प्रमुख होता है और विधानसभा में बहुमत दल का नेता होता है। वह राज्य सरकार के संचालन की जिम्मेदारी संभालता है।
  3. विधानसभा (Legislative Assembly): मिज़ोरम में एकल कक्षीय विधानसभा है, जिसमें 40 सदस्य होते हैं। इनका चुनाव हर 5 साल में प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से होता है। विधानसभा राज्य के कानून और नीतियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  4. उच्च न्यायालय: मिज़ोरम की न्यायिक व्यवस्था गुवाहाटी उच्च न्यायालय के तहत आती है, जो असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम के लिए काम करता है। मिज़ोरम में उच्च न्यायालय की एक बेंच है जो यहाँ के कानूनी मामलों को संभालती है।

मिज़ोरम की विशेष सांस्कृतिक पहचान और इतिहास ने इसे भारत के एक महत्वपूर्ण राज्य के रूप में स्थापित किया है।

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