गोवा का इतिहास – मुख्यमंत्री- गवर्नर- भौगोलिक एवं ऐतिहासिक तथ्य और मानचित्र || History of Goa – Chief Minister- Governor- Geographical & Historical Facts & Map

गोवा का इतिहास बहुत समृद्ध और विविधतापूर्ण है, जो प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक फैला हुआ है। इसका इतिहास विभिन्न संस्कृतियों और शासनों के अधीन रहा है, जिन्होंने गोवा की संस्कृति, वास्तुकला, और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है।

  • राजधानी: पणजी
  • मुख्यमंत्री– प्रमोद सावंत
  • गवर्नर – पी. एस. श्रीधरन पिल्लई
  • लोकसभा सीटें – 02
  • राज्यसभा सीटें – 01
  • विधानसभा सीटें – 40
  • जिलें – 02
  • आधिकारिक भाषा: कोंकणी
  • स्थापना: 19 December 1961
  • सीमाएँ: उत्तर में महाराष्ट्र और पूर्व और दक्षिण में कर्नाटक, अरब सागर इसका पश्चिमी तट बनाता है।
  • आबादी: 2011 तक 1.459 मिलियन निवासी
  • साक्षरता दर: 88.70 %
  • त्योहार: शिगमो, गोवा कार्निवल
  • राजकीय पशु – गौर
  • राजकीय पेड – मत्‍ती
  • राजकीय पक्षी – बुलबुल
  • लोक नृत्‍य – माण्‍डी, झागोर, खोल, टकनी आदि
  •  क्षेत्रफल – 1458545  वर्ग किलोमीटर 
  • प्रमुख उद्योग – कृषि व लघु उद्योग, सी फूूूड निर्यात, आम की विशेष किस्‍मों को उत्‍पादन

गोवा में घूमने के प्रमुख स्थल:

  • पालोलेम बीच – शांतिप्रिय वातावरण का स्थान
  • बागा बीच – पैरासीलिंग व बनाना राइड का आनंद
  • दुधसागर वॉटरफॉल – दूध जैसे पानी का अद्भुत दृश्य
  • बॉम जिसस बसिलिका – धार्मिकता और वास्तुकला का प्रतीक
  • अगुआडा किला – उम्दा तस्वीरों के लिए प्रसिद्ध
  • सैटर्डे नाइट मार्केट – खरीदारों और स्थानीय हस्तशिल्प प्रेमियों का केंद्र
  • मंगेशी मंदिर – पावन शिव मंदिर
  • नेवेल एविएशन म्यूजियम – भारत का एकमात्र नेवल म्यूजियम
  • टीटो नाइटक्लब – गोवा की पार्टी संस्कृति का प्रमुख स्थान
  • मार्टिन कॉर्नर – सीफूड प्रेमियों का केंद्र
  • अंजुना बीच – गोवा का सबसे प्राचीन और विख्यात बीच
  • चोराओ द्वीप – प्रकृति की गोद में बसा एक सुंदर द्वीप

प्राचीन इतिहास

गोवा का सबसे प्राचीन ज्ञात इतिहास मौर्य साम्राज्य (तीसरी सदी ईसा पूर्व) से जुड़ा हुआ है। मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद, गोवा पर सातवाहन और कदंब वंश का शासन रहा। कदंब वंश ने गोवा में कई मंदिरों और वास्तुकलाओं का निर्माण किया। इस अवधि के दौरान गोवा एक महत्वपूर्ण व्यापारिक बंदरगाह था।

मध्यकालीन इतिहास

11वीं सदी के बाद गोवा पर चोल, यादव, और विजयनगर साम्राज्य ने शासन किया। गोवा उस समय दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्गों का हिस्सा था और इसका आर्थिक और सांस्कृतिक विकास तेजी से हुआ। विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद, गोवा पर बीजापुर के सुल्तानों का नियंत्रण हो गया।

पुर्तगाली शासन (1510–1961)

गोवा का सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दौर तब शुरू हुआ जब 1510 में पुर्तगाली एडमिरल अफोंसो दे अल्बुकर्क ने बीजापुर के सुल्तानों को हराकर गोवा पर कब्जा कर लिया। इसके बाद गोवा पुर्तगाल की उपनिवेश बन गया और लगभग 450 वर्षों तक पुर्तगाली शासन के अधीन रहा। पुर्तगाली शासन के दौरान, गोवा में ईसाई धर्म का प्रसार हुआ और कई चर्चों का निर्माण किया गया। गोवा की वास्तुकला और संस्कृति पर इस अवधि का गहरा प्रभाव पड़ा।

पुर्तगाली शासन ने गोवा को यूरोप और एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बनाया। हालांकि, 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान, पुर्तगाल की शक्ति कमजोर पड़ गई, और गोवा में स्वतंत्रता की मांग बढ़ने लगी।

गोवा मुक्ति आंदोलन (1940s-1961)

भारत के स्वतंत्र होने के बाद, गोवा में भी स्वतंत्रता की मांग तेज़ हो गई। 1940 के दशक में गोवा मुक्ति आंदोलन शुरू हुआ, और कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने के लिए संघर्ष किया। भारत सरकार ने पुर्तगाल से गोवा को सौंपने की मांग की, लेकिन पुर्तगाल ने इसे मानने से इनकार कर दिया।

16 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना ने “ऑपरेशन विजय” के तहत गोवा पर आक्रमण किया और 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पुर्तगाल से मुक्त कराकर भारत में मिला लिया गया। इस दिन को ‘गोवा मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

आधुनिक गोवा

गोवा को 1961 में भारत में मिलाने के बाद, यह केंद्र शासित प्रदेश बना, जिसमें गोवा, दमन और दीव शामिल थे। 1987 में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला, और यह भारत का 25वां राज्य बन गया।

आज गोवा भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इसकी समृद्ध संस्कृति, विरासत, और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पुर्तगाली शासन की छाप अब भी गोवा के वास्तुशिल्प, खानपान, और जीवनशैली में देखी जा सकती है।

गोवा की मिश्रित सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास इसे भारत के सबसे अनोखे और आकर्षक स्थानों में से एक बनाती है।

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