केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् || Union council of Ministers

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् (Union Council of Ministers) भारत सरकार का मुख्य कार्यकारी निकाय है, जो देश की कार्यपालिका के कार्यों का नेतृत्व करता है। इसमें प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री शामिल होते हैं। मंत्रिपरिषद् का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है, जो राष्ट्रपति को सहायता और परामर्श देता है।

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् के प्रमुख घटक:
  1. प्रधानमंत्री: केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् का प्रमुख, जो सरकार के सभी विभागों का नेतृत्व करता है और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है।
  2. कैबिनेट मंत्री: ये सबसे वरिष्ठ मंत्री होते हैं जो महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व करते हैं, जैसे गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, वित्त मंत्रालय आदि। कैबिनेट की बैठकें महत्वपूर्ण नीति निर्णयों और प्रशासनिक मामलों पर चर्चा और निर्णय के लिए होती हैं।
  3. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): ये मंत्री कैबिनेट मंत्रियों के साथ नहीं होते हैं, लेकिन उन्हें उनके अपने विभाग की पूरी जिम्मेदारी दी जाती है, बिना कैबिनेट मंत्री के अधीनस्थ होने के।
  4. राज्य मंत्री: ये मंत्री कैबिनेट मंत्री के अधीन होते हैं और उन्हें विभाग के विशेष हिस्सों की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

मंत्रिपरिषद् की भूमिकाएं:

  • नीति निर्धारण: मंत्रिपरिषद् विभिन्न नीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करती है, जो देश के विकास और प्रशासन को संचालित करने में सहायक होती हैं।
  • विधायी कार्य: मंत्रिपरिषद् संसद में विधेयक प्रस्तुत करती है और उन्हें कानून में परिवर्तित करने के लिए समर्थन प्राप्त करती है।
  • प्रशासनिक कार्य: मंत्रिपरिषद् सरकार की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को लागू करती है।

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् को संसद के प्रति उत्तरदायी माना जाता है, और यदि संसद में बहुमत खो देती है, तो मंत्रिपरिषद् को इस्तीफा देना पड़ सकता है।

रतीय संविधान में केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद निम्नलिखित हैं::

अनुच्छेद 74:

प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का राष्ट्रपति को सलाह देना

  • इस अनुच्छेद के तहत यह प्रावधान है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के परामर्श पर कार्य करेगा। मंत्रिपरिषद की सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी होती है।
  • 1978 के 44वें संविधान संशोधन के तहत यह स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रपति को दी गई सलाह के संबंध में यदि राष्ट्रपति द्वारा पुनर्विचार के लिए कहा जाता है, तो मंत्रिपरिषद को उस सलाह पर पुनर्विचार करना होगा।

अनुच्छेद 75:

प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति, उनकी योग्यता, और कार्यकाल

  • इस अनुच्छेद के तहत प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसके साथ ही, अन्य मंत्रियों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर करता है।
  • मंत्रियों को संसद का सदस्य होना आवश्यक है। अगर कोई व्यक्ति जो मंत्री बनाया गया है, संसद का सदस्य नहीं है, तो उसे छह महीने के अंदर संसद की सदस्यता प्राप्त करनी होगी, अन्यथा उसे पद छोड़ना होगा।
  • मंत्रियों का कार्यकाल राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करता है, अर्थात राष्ट्रपति जब चाहें उन्हें पद से हटा सकते हैं।
  • मंत्रियों के वेतन और भत्तों का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता है।

अनुच्छेद 77:

भारत सरकार के कार्यकारी कार्यों का संचालन

  • इस अनुच्छेद के तहत यह प्रावधान किया गया है कि भारत सरकार का प्रत्येक कार्य राष्ट्रपति के नाम से किया जाएगा।
  • राष्ट्रपति की ओर से कार्यकारी कार्रवाई करने के लिए आदेशों और निर्देशों को प्राधिकृत करने के लिए नियम बनाए जा सकते हैं।

अनुच्छेद 78:

प्रधानमंत्री का कर्तव्य

  • इस अनुच्छेद के अनुसार, प्रधानमंत्री का कर्तव्य है कि वह राष्ट्रपति को सरकार के प्रशासनिक कार्यों और संसद में प्रस्तुत प्रस्तावों के बारे में सूचित करें।
  • यह प्रधानमंत्री का दायित्व है कि वह राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद द्वारा किए गए निर्णयों और नीतिगत मुद्दों के बारे में जानकारी दे।

अनुच्छेद 88:

मंत्रियों का संसद में अधिकार

  • इस अनुच्छेद के तहत, मंत्रियों को संसद के किसी भी सदन में बोलने और चर्चा में भाग लेने का अधिकार होता है, चाहे वे उस सदन के सदस्य हों या नहीं। लेकिन उन्हें वोट देने का अधिकार केवल उस सदन में होता है, जिसके वे सदस्य हैं।
केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
  • केन्द्र सरकार का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।
  • प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
  • भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिय न्युनतम आयु 25 वर्ष होना चाहिए।
  • यदि भारत के प्रधानमंत्री संसद के उच्च सदन के सदस्य हैं तो वे अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में अपने पक्ष में मत नदीं दे सकेंगें।
  • संसदीय शासन व्यवस्था में वास्तविक कार्यपालिका शक्ति प्रधानमंत्री के अधीन होती है।
  • लोकसभा में अविश्वास प्रस्वताव प्रस्तुत करने के लिए लोकसभा सदस्यों की न्युनतम 50 होनी चाहिए।
  • भारत के प्रधानमंत्री सामान्यतः लोक सभा के सदन का सदस्य होता है।
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 75 प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मंत्रिपरिषद् के आकार एवं उतरदायित्व का निर्धारण करता है।
  • मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की संख्या, प्रधानमंत्री सहित लोकसभा के सदस्यों की कुल प्रंद्रह प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, यह प्रवधान, 91वाँ संविधान संशोधन, 2003 के द्वारा किया गया।
  • संसद का सदस्य नहीं होने पर कोई व्यक्ति अधिकतम छह माह तक कंेद्रीय मंत्री रह सकता है।
  • केन्द्र में मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप् से लोकसभा के प्रति उतरदायी होती है।
  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 257 में यह प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा, जिससे संघ की कार्यपालिका शक्ति पर कोई प्रतिकुल प्रभाव न पड़े।
  • लाभ के पद का निर्धारण संसद एवं राज्य विधानमंडल द्वारा किया जाता हैै।
  • भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में कार्यपालिका विधायिका के अधीन कार्य करती है।
  • ज्वाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में पहले गृह मंत्री तथा बाद में रक्षा मंत्री कैलाश नाथ काटजू बनें।
  • स्वतंत्र भारत के प्रथम वित मंत्री श्री आर. के षणमुगम चेट्टी थे।
  • भारत के लाल बहादूर शास्त्री का विदेश में आकस्मिक निधन हुआ।
  • अपने प्रधानमंत्री काल में चौधरी एक बार भी संसद में उपस्थित नही हुए थे।
  • संविधान के अनुच्छेद 352 (3) में मंत्रिमंडल शब्द का प्रयोग किया गया है।
  • श्वेत पत्र भारत से सम्बंधित आधिकारिक दस्तावेज है।
  • संघीय मंत्रिमंडल का पुनर्गठन गोपालस्वामी आयंगर के प्रतिवेदन पर आधारित था।

मंत्रिपरिषद् तथा मंत्रिमण्डल में अंतर

मंत्रिपरिषद् (Council of Ministers):

  1. परिभाषा: मंत्रिपरिषद् एक व्यापक निकाय है जिसमें सभी प्रकार के मंत्री शामिल होते हैं—प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), और राज्य मंत्री।
  2. सदस्य संख्या: इसमें बड़ी संख्या में मंत्री होते हैं। इसका आकार संविधान द्वारा निर्धारित नहीं है, लेकिन संविधान के 91वें संशोधन (2003) के अनुसार, मंत्रिपरिषद् का आकार लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकता।
  3. भूमिका: यह संपूर्ण सरकार का नेतृत्व करता है और सरकार की समग्र नीतियों और कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है।
  4. बैठकें: मंत्रिपरिषद् की औपचारिक बैठकें बहुत कम होती हैं। महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मंत्रिपरिषद् के स्थान पर कैबिनेट की बैठक होती है।

मंत्रिमंडल (Cabinet):

  1. परिभाषा: मंत्रिमंडल, मंत्रिपरिषद् का एक छोटा और सबसे महत्वपूर्ण समूह है। इसमें प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।
  2. सदस्य संख्या: मंत्रिमंडल की सदस्य संख्या सीमित होती है, और इसमें केवल महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री ही शामिल होते हैं।
  3. भूमिका: मंत्रिमंडल देश की नीतियों के निर्माण और महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लेने में प्रमुख भूमिका निभाता है। यह मंत्रिपरिषद् के अन्य सदस्यों को दिशा-निर्देश देता है।
  4. बैठकें: कैबिनेट की नियमित बैठकें होती हैं, जहां सरकार की प्रमुख नीतियों और निर्णयों पर चर्चा और निर्णय लिए जाते हैं।

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