राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय (statutory body) है, जिसे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने, उनकी स्थिति को सुदृढ़ करने और उन्हें न्याय दिलाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।

इतिहास
- स्थापना: राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना 31 जनवरी 1992 को राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत की गई थी।
- पृष्ठभूमि: 1980 के दशक में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और उनके प्रति असमानता के मुद्दों के समाधान के लिए आयोग की स्थापना की मांग उठी। इस आयोग की आवश्यकता इसीलिए पड़ी ताकि एक ऐसा निकाय हो जो विशेष रूप से महिलाओं के मुद्दों को सुलझाने के लिए समर्पित हो।
कार्य
राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्य निम्नलिखित हैं:
- महिला अधिकारों की रक्षा और संवर्धन: महिला अधिकारों का उल्लंघन होने पर हस्तक्षेप करना और न्याय दिलाना।
- नीतियों की समीक्षा: महिलाओं से संबंधित नीतियों, कानूनों, और कार्यक्रमों की समीक्षा करना और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव देना।
- शिकायतों का निवारण: महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अन्याय की शिकायतों को सुनना और उनका निवारण करना।
- महिलाओं की स्थिति का अध्ययन: महिलाओं की स्थिति का अध्ययन करना और उनकी स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक उपाय सुझाना।
- जागरूकता और प्रशिक्षण: महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना।
शक्तियां
- जांच करने की शक्ति: आयोग को किसी भी मामले की जांच करने की शक्ति है जहां महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा हो।
- आयोग बनाना: आयोग विशेष समितियां बनाकर विशेषज्ञों की सहायता ले सकता है।
- सिफारिशें: आयोग केंद्र और राज्य सरकारों को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सिफारिशें कर सकता है।
- रिपोर्टिंग की शक्ति: आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है।
संरचना
- अध्यक्ष: आयोग का प्रमुख होता है जो भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- सदस्य: आयोग में एक अध्यक्ष के अलावा पांच सदस्य होते हैं, जिनमें से एक सदस्य न्यायाधीश और एक सदस्य अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित होते हैं।
- सदस्य सचिव: सचिवालय के संचालन के लिए एक सचिव नियुक्त होता है जो एक वरिष्ठ अधिकारी होता है।
सेवा शर्ते
- कार्यकाल: आयोग के अध्यक्ष और सदस्य का कार्यकाल तीन साल का होता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
- पुनर्नियुक्ति: सदस्य पुनः नियुक्ति के पात्र होते हैं।
- वेतन: वेतन और सेवा शर्तें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- राष्ट्रीय महिला आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- आयोग विभिन्न राज्यों में भी महिला आयोगों के गठन के लिए प्रेरित करता है।
- अध्यक्ष – श्रीमती रेखा शर्मा (9वें)
राष्ट्रीय महिला आयोग का उद्देश्य भारतीय समाज में महिलाओं को समान अधिकार दिलाना और उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और सामाजिक और आर्थिक प्रगति में अपनी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
- जून,2024 तक राष्ट्रीय महिला आयोग को सबसे अधिक शिकायर्तें उतर प्रदेश से मिली हैं. उसे बाद दिल्ली और फिर महाराष्ट्र का स्थान है।
- 2023 में राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा महिलाओं से संबंधित कुल 28,811 शिकायर्तें दर्ज की गई।
- 2024 में अब तक राष्ट्रीय महिला आयोग को प्राप्त कुल 12,648 शिकायर्तों में से 6,492 उतर प्रदेश से थी। पैनल आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार दिल्ली 1,119 शिकायर्तों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि महाराष्ट्र में यह संख्या 764 थी।
- अन्य राज्यों में तमिलनाडु में 304, कर्नाटक में 305, बिहार में 586, मध्य प्रदेश में 516, हरियाण में 509, राजस्थान में 409, और पश्मि बंगाल में 307 शिकायतें दर्ज की गई।
- जहाँ तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों की श्रेणियों का सवाल है, सबसे ज्यादा 3,567 शिकायर्तें सम्मान के अधिकार श्रेणी में प्राप्त हुई, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा उत्पीड़न शामिल है। इसके बाद घरेलू हिंसा की 3,213 शिकायर्तें दर्ज की गई।
- दहेज उत्पीड़न की शिकायतें 1,963 छेड़छाड़ की 821 महिलाओं के खिलाफ पुलिस की उदासीनता की 524 और बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की 658 शिकायतें दर्ज की गई , जैसे कि आँकड़ों से पता चलता है।
- अध्यक्ष – श्रीमती रेखा शर्मा (9वें)