भारत के जल क्षेत्र और जलीय सीमा निम्नप्राकर से संबंधित हैं:


भारत की जलीय सीमा को अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था के अनुरूप तीन मण्डलों में वर्गीकृत किया गया है-

1. प्रावेशिक जल सीमा (Territorial Sea)
यह तटरेखा से 12 नॉटिकल मील या समुद्री मील तक का क्षेत्र है। भारत को इस क्षेत्र में सभी प्रकार के संसाधनों के दोहन का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।

2. संलग्न क्षेत्रफल (Cpmtogipis Zone)
यह प्रादेशिक जल सीमा से लेकर अर्थात् 12 नॉटिकल मील से 24 नॉटिकल मील के मध्य स्थित है। अप्रवासी कानून, सीमा शुल्क, पर्यावरणीय स्वच्छता तथा अधिकार से सम्बंधित कानून इस क्षेत्र मे लागू होता है।

3. अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone, EEZ)
यह 24 से 200 नॉटिकल मील के मध्य कुल 176 नॉटिकल मील की चौड़ाई में स्थित है।
इस क्षेत्र के अन्तर्गत भारत को सागरीय जल शक्ति, सागरीय संसाधनों व जीवों का सर्वेक्षण, विदोहन, संरक्षण और अनुसंधान की शक्ति एवं खनिज सम्पदा के विदोहन का अधिकार प्राप्त है।

भारत की जलीय सीमा


भारत एवं श्रीलंका
इनके मध्य सीमा बनाने वाले स्थानो का उत्तर से दक्षित की ओर क्रम निन्नलिखित है– पाक की खाड़ी, पम्बन द्वीप, आदम्स ब्रिज एवं मन्नार की खाड़ी।

भारत एवं इण्डोनेशिया
भारत के ग्रेट निकोबार और इण्डोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के मध्य स्थित ग्रेट या महान चैनल इनके मध्य जलीय सीमा बनाते हैं।

भारत एवं म्यांमार
म्यांमार के कोको द्वीप समूह एवं भारत के उत्तरी अण्डमान द्वीप के मध्य कोको चैनल जलीय सीमा बनाता है।

भारत एवं मालदीव
भारत के मिनिकाय द्वीप एवं मालद्वीप के मध्य 8 डिग्री चैनल जलीय सीमा बनाता है।

भारत के महत्वपूर्ण चैनल

9 डिग्री चैनललक्षद्वीप और मिनीकाय के मध्य
8 डिग्री चैनल मालदीव और मिनिकाय के मध्य
ग्रेट या महान चैनलसुमात्रा (इण्डोनेशिया और निकोबार के मध्य
पाक स्ट्रेट (जलडमरूमध्य) भारत और श्रीलंका के मध्य
माहिम क्रीक (निवेशिका) एक पतली सी निवेशिका, मुम्बई
कच्द की खाड़ीपश्चिमी गुजरात
खम्भात की खाड़ी पूर्वी गुजरात, नर्मदा और ताप्ती का मुहाना
लक्ष्यद्वीप सागर लक्षद्वीप और मालाबार तट के मध्य
मन्नार की खाड़ीदक्षिण-पूर्वी तमिलनाडु और श्रीलंका के मध्य
कोको स्ट्रेट (जलडमरूमध्य) कोको द्वीप (म्यांमार) और उतरी अण्डमान के मध्य
डंकन पासदक्षिणी अण्डमान और लधु अण्डमान के मध्य
10 डिग्री चैनल अण्डमान और निकोबार के मध्य











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