राष्ट्रीय आय (National Income) एक अर्थशास्त्रीय संकल्पना है जो किसी देश की अर्थव्यवस्था के उत्पादन, आय और व्यय का कुल मापन करती है। यह एक समयावधि (आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष) में एक देश के नागरिकों द्वारा उत्पन्न कुल आय का योग है।
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अवधारणा:
राष्ट्रीय आय की अवधारणा में विभिन्न घटकों और संकेतकों का समावेश होता है जो देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करने में मदद करते हैं। इसमें शामिल हैं:
- सकल घरेलू उत्पाद (GDP): एक देश के भीतर एक निश्चित अवधि में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य।
- सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP): GDP के अलावा, यह एक देश के निवासियों द्वारा विदेशों में कमाई गई आय को भी शामिल करता है और विदेशियों द्वारा देश में कमाई गई आय को घटा देता है।
- शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP): GNP में से पूंजी की मूल्यह्रास (Depreciation) घटाकर प्राप्त किया जाता है।
- राष्ट्रीय शुद्ध आय (NNI): NNP में से अप्रत्यक्ष कर घटाकर और सब्सिडी जोड़कर प्राप्त की जाती है।
कारक:
राष्ट्रीय आय को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:
- मानव संसाधन (Human Resources): एक देश के श्रम बल की गुणवत्ता और मात्रा राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है। उच्च शिक्षित और कुशल श्रमिक अधिक उत्पादक होते हैं।
- प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources): किसी देश के पास उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा और गुणवत्ता राष्ट्रीय आय पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। जैसे खनिज, जल, भूमि आदि।
- पूंजी संसाधन (Capital Resources): मशीनरी, भवन, उपकरण आदि जैसी पूंजी वस्तुओं की उपलब्धता और उपयोग राष्ट्रीय आय को बढ़ाती है।
- तकनीकी प्रगति (Technological Advancement): नई और उन्नत तकनीकों का उपयोग उत्पादन की दक्षता को बढ़ाता है, जिससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है।
- सरकारी नीतियां (Government Policies): सरकार की आर्थिक नीतियां जैसे कराधान, व्यय नीति, व्यापार नीति आदि, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय आय पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालती हैं।
- विदेशी व्यापार (Foreign Trade): निर्यात और आयात की मात्रा और शर्तें भी राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती हैं। उच्च निर्यात आय को बढ़ाता है जबकि उच्च आयात खर्च को बढ़ाता है।
- बाजार की संरचना (Market Structure): बाजार में प्रतिस्पर्धा की स्थिति और मौद्रिक और वित्तीय संस्थानों की भूमिका भी राष्ट्रीय आय पर प्रभाव डालती है।
निष्कर्ष:
राष्ट्रीय आय एक महत्वपूर्ण सूचक है जो किसी देश की आर्थिक स्थिति और विकास का आकलन करने में मदद करता है। यह विभिन्न घटकों और कारकों से प्रभावित होता है, और इसके माध्यम से हम एक देश की आर्थिक समृद्धि का मूल्यांकन कर सकते हैं।
राष्ट्रीय आय: महत्वपूर्ण बिंदु–
- किसी निश्चित अवधि के लिए एक देश की राष्ट्रीय आय एक वितीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौदिक मूल्य के बराबर होती है।
- राष्ट्रीय आय घरेलू आय विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक आय राष्ट्रीय आय लेखा प्रणाली का जन्मदाता साइमन कुजनेट्स को कहा जाता है।
- वर्ष 1949 में भारत सरकार द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय आय समिति के अध्यक्ष पी. सी. महालनोबिल थे।
- भारत में प्रति व्यक्ति आय में वृद्वि की दर मंद होने का मुख्य कारण उच्च पूँजी उत्पाद अनुपात व जनसंख्या वृद्धि की ऊँची दर होती है।
- भारत में अर्थव्यवस्था का घरेलू क्षेत्र सार्वाधिक योगदान करता है।
- भारत की घरेलू बचतो में सर्वाधिक हिस्सा भौतिक परिसंपतियों का होता है।
- वर्तमान में भारत के बिहार राज्य में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है।
- भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना का प्रयास दादा भाई नौरोजी द्वारा वर्ष 1867-68 में किया गया था। इन्होने अपनी पुस्तक पावर्टी एण्ड अनिब्रिटिश रूल इन इण्डिया में प्रतिव्यक्ति आय 20 रूपये बताई थी।
- वर्तमान में गोवा राज्य में औसत प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक है।
- भारत में राष्ट्रीय आय समंकों का आकलन केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किया जाता है।
- केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय तथा राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय का विलय राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय संस्था को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
- हिन्दु वृद्धि राष्ट्रीय आय से सम्बंधित है।
- MCA-21 मिशन मोड प्रोजेक्ट कम्पनी मामलों के मंत्रालय द्वारा आरंभ किया गया है।
- एक खुली अर्थव्यवस्था में अर्थव्यवस्था की राष्ट्रीय आय Y से C+I+G+(X-M) तात्पर्य है।
- सकल घरेलू उत्पाद उपभोग सकल निवेश सरकारी व्यय निर्यात आयात जहाँ सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर विश्व 5र्वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत है।
- मुद्रास्फीति मुद्रासंकुचन एवं अप्रत्यक्ष कर के प्रभाव को शामिल कर संकलित जी.डी.पी को नॉमिनल जी.डि.पी. कहा जाता है।
- भारत में सकल घरेलू उत्पाद का सबसे बड़ा भाग सेवा क्षेत्र से प्राप्त होता है।
- भारत की राष्ट्रीय आय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था लगभग 46% प्रतिशत का योगदान देता है।
- सकल राष्ट्रीय उत्पाद राष्ट्रीय उत्पाद का मूल्य मापन है।
- राष्ट्रीय प्रतिवर्श सर्वेक्षण संगठन की स्थापना वर्ष 1950 मे हुआ था।
- राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की स्थापना सी. रंगराजन समिति की अनुशंसा पर स्वीकार की गई थी।
- जी. डी. पी. ऑकड़ों में आधार वर्ष 2004-05 को बदल कर वर्ष 2011-12 नया आधार वर्ष कर दिया गया है।
- सर्वप्रथम वैज्ञानिक विधि से राष्ट्रीय आय की गणना का प्रतिपादन भारत में वी.के. राव (1931-32) के द्वारा किया गया था।
- अर्थशास्त्र में बाह्य मूल्य से आर्थिक गतिविधियों का सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम होता है।
- पी. सी. महालनोबिस के जन्मदिन पर प्रति वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है।