भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की गई है। वे केरल कैडर के 1988 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले, उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया है। गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, 2019 में अनुच्छेद 370 को अप्रभावी घोषित करने के समय, वे गृह मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर डेस्क के प्रभारी थे। (ज्ञानेश कुमार बने भारत के 26वें नए मुख्य चुनाव आयुक्त || Gyanesh Kumar Becomes The 26th New Chief Election Commissioner of India )
- शैक्षणिक रूप से, ज्ञानेश कुमार ने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पर्यावरण अर्थशास्त्र का अध्ययन भी किया है।
- उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा, जिसमें वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (2025) और अगले वर्ष पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों की देखरेख करेंगे।

हालांकि, उनकी नियुक्ति पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आपत्ति जताई है, क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
इस नियुक्ति के साथ ही, हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner – CEC) चुनाव आयोग का प्रमुख होता है। यह पद संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित किया गया है और इसका मुख्य कार्य लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों का स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करना होता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति एवं कार्यकाल
- नियुक्ति:
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता की सिफारिश के आधार पर नियुक्ति होती है।
- कार्यकाल:
- अधिकतम 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो) तक पद पर बना रह सकता है।
- पद से हटाने की प्रक्रिया:
- मुख्य चुनाव आयुक्त को केवल सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की तरह महाभियोग प्रक्रिया के जरिए ही हटाया जा सकता है।
- अन्य चुनाव आयुक्तों को राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त की भूमिका और जिम्मेदारियाँ
- चुनावों का संचालन:
- लोकसभा, राज्य विधानसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों को निष्पक्ष रूप से कराना।
- चुनाव आचार संहिता लागू करना:
- राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा नियमों के उल्लंघन को रोकना।
- राजनीतिक दलों की मान्यता:
- राजनीतिक दलों को पंजीकृत करना और चुनाव चिह्न आवंटित करना।
- चुनावी विवादों का समाधान:
- चुनाव से संबंधित सभी शिकायतों को सुनना और निवारण करना।
- नवाचार और सुधार:
- ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) जैसी नई तकनीकों का प्रयोग।
चुनाव आयोग की संरचना
- भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) एक संवैधानिक निकाय है।
- इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और दो अन्य चुनाव आयुक्त (ECs) होते हैं।
- तीनों की शक्तियाँ समान होती हैं, लेकिन अंतिम निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाता है।
अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर राम मंदिर निर्माण में निभाई अहम भूमिका
भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने अपने प्रशासनिक करियर में कई ऐतिहासिक निर्णयों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- अनुच्छेद 370 हटाने में योगदान:
- जब वे गृह मंत्रालय में सचिव थे, तब केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया।
- इस निर्णय को प्रभावी ढंग से लागू करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- राम मंदिर निर्माण में योगदान:
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया था।
- उन्होंने राम मंदिर निर्माण कमेटी के सदस्य के रूप में भी कार्य किया।
- वे बाल स्वरूप के भगवान श्रीराम की मूर्ति चयन के निर्णायक मंडल में शामिल रहे।
ज्ञानेश कुमार की प्रशासनिक दक्षता और नीतिगत फैसलों को प्रभावी रूप से लागू करने की क्षमता ने उन्हें केंद्र सरकार के लिए एक भरोसेमंद अधिकारी बनाया है।
भारत के प्रमुख मुख्य चुनाव आयुक्त
क्रम संख्या | मुख्य चुनाव आयुक्त | कार्यकाल |
---|---|---|
1 | सुकुमार सेन | 1950-1958 |
10 | टी.एन. शेषन | 1990-1996 |
24 | सुशील चंद्रा | 2021-2022 |
25 | राजीव कुमार | 2022-2024 |
26 | ज्ञानेश कुमार | 2024-वर्तमान |
टी.एन. शेषन को चुनाव सुधारों का जनक माना जाता है, जिन्होंने चुनाव आचार संहिता को सख्ती से लागू किया और चुनावी भ्रष्टाचार पर नकेल कसी।
Some Important blogs:
8th edition of Pariksha Pe Charcha Organised! || परीक्षा पे चर्चा 2025: 8वां संस्करण
Inki koi khamiya to hogi oh bhi bata do
Sorry sir, I don’t know their flaws.