मुगल शब्द लैटिन शब्द ‘Mong’ से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – बाहादुर। भारत में मुगल वश का संस्थापक बाबर था वह पिता की ओर से चगताई तुर्क और माता की ओर से मंगोल वंश से सम्बन्धित था। बाबर एवं उत्तरवर्ती मुगल शासक तुर्क एवं सुन्नी मुसलमान था।
👸बाबर – (1483-1530 ई. )
👍जन्म – 14 फरवरी, 1483 ई. में।
✌️जन्म स्थान – अन्दीजन (परगना)
✌️मूल नाम – जहीरुद्दीन मोहम्मद बाबर
✌️माता – कुतलुग निगार
✌️पिता – उमर शेख मिर्जा
✌️उपाधि – पादशाह (बादशाह), कलन्दर

- पादशाह की उपाधि धारण करने वाला प्रथम मुगल शासक था । 1504 ई में काबुल पर विजय प्राप्त करने के पश्चात् बाबर ने पहली बार तैमूरी परम्परा के विरुद्ध पादशाह की उपाधि धारण की। इससे पूर्व वह मिर्जा की पैतृक उपाधि धारण करता था। 1526 ई में पानीपत के प्रथम युद्ध में विजय के बाद बाबर ने काबुल के प्रत्येक निवासी को एक-एक चांदी का सिक्का दान दिया था। उसकी इस उदारता के कारण उसे कलन्दर की उपाधि दी गई।
- बाबर फरगाना की गद्दी पर 8 जून, 1507 ई में बैठा।
- बाबर ने 1507 ई में बादशाह की उपाधि धारण की, जिसे अब तक किसी तैमूर शसक ने धारण नहीं की थी। बाबर के चार पुत्र थे – हुमायूँ, कामरान, असकरी तथा हिंदाल।
- बाबर ने भारत पर पाँच बार आक्रमण किया। बाबर का भारत के विरुद्ध किया गया प्रथम अभियान 1519 ई में युसूफ जाई जाति के विरुद्ध था। इस अभियान में बाबर ने बाजौर और भेरा को अपने अधिकार में कर लिया।
- पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुगलमा युद्ध नीति एवं तोपखाने का प्रयोग किया था। उस्ताद अली एवं मुस्तफा बााबर के दो प्रसिद्ध निशानेबाज थे, जिसने पानीपत के प्रथम युद्ध में भाग लिया था।
बाबर द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध–
युद्ध | वर्ष | पक्ष | परिणाम |
पानीपत का प्रथम युद्ध | 21 अप्रैल, 1526 | इब्राहिम लोदी व बाबर | बाबर विजयी |
खानवा का युद्ध | 17 मार्च, 1527 | राणा साँगा एवं बाबर | बाबर विजयी |
चन्देरी का युद्ध | 29 जून, 1528 | मेदनी राय एवं बाबर | बाबर विजयी |
घाघरा का युद्ध | 6 मई 1529 | अफगानों एवं बाबर | बाबर विजयी |
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –
- बाबर ने मुसलमानों को तमग नामक कर से मुक्त कर दिया था।
- खानवा युद्ध में बाबर ने राणा साँगा के खिलाफ जिहाद का नारा दिया और युद्ध में विजय के बाद गाजी की उपाधि धारण की ।
- 30 जनवरी 1528 ई को जहर दे देने के कारण राणा साँगा की मृत्यु हो गई।
- बाबर ने बंगाल के शासक नुसरतशाह के साथ 6 मई, 1529 को एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करने का वादा करते हुए, एक संधि की जिसके अनुसार नुसरतशाह ने अफगान विद्रोहियों को शरण न देने का वचन दिया।
- करीब 48 वर्ष की आयु में 26 दिसम्बर, 1530 ई को आगरा मे बाबर की मृत्यु हो गयी।
- प्रारंभ मे बाबर के शव को आगरा के आरामबाग दफनाया गया, बाद मे काबुल में उसके द्वारा चुने गए स्थान पर दफनाया गया।
- बाबर की मातृभाषा तुर्की थी लेकिन वह अरबी और फारसी का भी अच्छा ज्ञाता था। बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा (तुर्की में) की रचना की, जिसका अनुवाद बाद में फारसी भाषा में अब्दुल रहीम खानखाना ने किया।
- अपनी आत्मकथा में बाबर ने औपचारिक बागों की योजनाओं और उनके बनाने मं अपनी रुचि का वर्णन किया है। अकसर ये बाग दीवार से घिरे होते तथा कृत्रिम नहरो द्वारा चार भागों मं विभाजित आयताकार अहाते में स्थित थे। चार समान हिस्सों में बँटे होने के कारण ये चार बाग कहलाते थे।
- बाबर को मुबईयान नामक पद्यशैली का भी जन्मदाता माना जाता है।
- बाबर प्रसिद्ध नक्शबन्दी सुफी ख्वाजा उबैदुल्ला अहरार का अनुयायी था। बाबर का उत्तराधिकारी हुमायूँ हुआ।
- चार बाग बनाने की परम्परा की शुरुआत अकबर के समय से हुई।
- इब्राहिम लोदी मध्यकाल का प्रथम शासक था जो युद्धस्थल में मारा गया। इसके साथ उसका मित्र ग्वालियर के राजा विक्रमजीत भी युद्धस्थल में मारा गया।
- हूमायूँ ने कोहिनूर हीरा ग्वालियर के दिवंगत राजा विक्रमजीत के परिवार से प्राप्त किया था।