अर्थशास्त्र क्या है? (What is Economics)


अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो कि मानव व्यवहार का उद्देश्य तथा सीमित और अनेक उपयोग वाले साधनो के बीच संबंध के रूप में अध्ययन करता है।
अर्थशास्त्र ऐसे विषय का अधययन है जिसमें मनुष्य अपने सीमित स्त्रोतों से चुनाव द्वारा धन का विभाजन करके अपनी असीमित इच्छाओ की पूर्ति करके संतुष्ट होता है।

उत्पादन (Producation) – उत्पादन वह आर्थिक क्रिया है जिसमेें वस्तु की उपयोगिता या वस्तु के महत्व तथा सेवाओं में वृद्धि की जाती है। कपड़े की (कच्चे माल) सिलाई (्श्रम) करने के पश्चात कमीज़ बनाना एक उत्पादन कार्य है। नदी के किनारे से रेत उठाकर वाहन द्वारा बाहर भेजना भी एक उत्पादन की क्रिया कहलाएगी यहाँ रेत को शहर भेजकर उसकी उपयोगिता बढाई गई है।

आर्थिक क्रियाएँ

  • उत्पादन
  • उपभोग
  • निवेश
  • विनिमय
  • वितरण

उपभोग (Consumption)- उपभोग वह आर्थिक क्रिया हे जिसका संबंध वस्तुओं तथा सेवाओं के उपयोग द्वारा व्यक्ति की प्रत्यक्ष संतुष्टि तथा सामूहिक इच्छाओं की पूर्ति से है। उत्पादन की क्रिया उपभोग क्रिया पर आधारित है। यदि उपभोग न हो तो उत्पादन भी नहीं होगा। उदाहरणर्थः भोजन, पीने का पानी, या दूध, कपड़े पहनना, वकीलों तथा चिकित्सक की सेवाएँ, ये सभी उपभोग की क्रियाएँ हैं।

निवेश (Investment)- निवेश वह आर्थिक क्रिया है जिसका संबंध ऐसी संपŸिा का निमार्ण करना है जिसके द्वारा आगे और अधिक वस्तुओं का उत्पादन तािा सेवाओं में वृद्धि हो सके। निवेश द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य की इच्छाओं की पूर्ति होती है। उदाहरण: प्रिंटिंग प्रेस मनुष्य के उत्पादन द्वारा समाचार पत्र, किताबें, मासिक पत्र-पत्रिकाएं आदि या कंप्यूटर द्वारा इंटरनेट, बैकिग आदि से संबंधित सुविधाएँ।

विनिमय (Exchange)- विनिमय वह आर्थिक क्रिया है जिसका संबंध वस्तुओ की खरीद तथा बिक्री से है। यह क्रिया धनराशि या मूल्य द्वारा की जाती है। इसलिए इसे उत्पादन मूल्य भी कहा जाता है। जिसका अर्थ बाजार की अलग-अलग परिस्थितियों के आधार पर उत्पादन का मूल्य निर्धारण करना है, जैसे पूर्ण प्रतिस्पर्धा, अपूर्ण प्रतिस्पर्धा, एकाधिकार आदि।।

वितरण (Distribution) – वितरण वह आर्थिक क्रिया है, जिसका संबंध उत्पादन के तत्वों की कीमतों से है, जैसेः जमीन, श्रमिक, पूँजी तथा उपक्रम। इसे तŸव मूल्यांकन भी कहा जाता है। जैसे, जमीन का मूल्य अर्थात किराया, श्रम का मूल्य अर्थात मजदूरी पूंजी का मूल्य अर्थात ब्याज तथा उपक्रमी या ठेकेदार का मूल्य अर्थात लाभ। वितरण वह अध्ययन है जिसके द्वारा यह ज्ञात है कि देश में जो उत्पादन किया जाता है उससे देश की राष्ट्रीय आय या सकल घरेलू उत्पाद का वितरण, वेतन, मजदूरी, लाभ तथा ब्याज में कैसे किया जाता है।

चेपमेन के अनुसार-
अर्थशास़्त्र ज्ञान की वह शखा है जो धन के उपभोग, उत्पादन, विनिमय तथा वितरण का अध्ययन करती है।
अर्थशास्त्र की परिभाषा अनेक अर्थशास्त्रयों ने अलग-अलग ढंग से की है

इन विभिन्न परिभाषाओ को मुख्य रूप से चार भागों में बाँटा जा सकता हैः-
1 धन की परिभाषा (Wealth definition)– एडम स्मिथ
2 भौतिक कल्याण (Material Welfare definition) – अल्फ्रेड मार्शल
3 सीमितता संबंधी परिभाषा (Searcity definition)– नियोनेल रॉबिन्स
4 विकास संबंधी परिभाषा (Growth definition) – पॉल ए सेम्युलसन

व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics): अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसमें एक इकाई के व्यवहार तथा इसके द्वारा साधनों के आवंटन का अध्ययन किया जाता हैं, व्यष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत आता है। प्रायः यह मान्यता ली जाती है कि प्रत्येक इकाई अपना हित (उपयोगिता, लाभ या पारिश्रमिक) अधिकतम करना चाहती है। यह भी मान लिया जाता है कि यह इकाई एक प्रतिनिधि इकाई है।



स्मष्टि अर्थशास्त्र ( Macro Economics): समष्टिगत अर्थशास्त्र में व्यक्तिगत इकाइयों पर विचार नहीं किया जाता, बल्कि साूमहिक इकाईयों पर विचार किया जाता है। यह व्यक्तिगत आय से नहीं अपितु राष्ट्रीय आय से, व्यक्तिगत कीमतों से नहीं बल्कि सामान्य कीमत स्तर से, व्यक्तिगत अर्थशास्त्र की सीमाओं अथवा दोषों को दूर करने के लिए समष्टिगत आर्थिक विश्लेषण का प्रादुर्भाव हुआ। आर्थिक नीतियों के निर्धारण में समष्टिगत विश्लेषण का विशेष महत्व होता है।

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